बदायूं की पुलिस को बदनाम करने वाला सिरफिरा व दबंग दारोगा अशोक कुमार यादव कानूनी शिकंजे में जकड़ा जा रहा है। आरोपी दारोगा का शुक्रवार को डीआईजी ने पीलीभीत तबादला कर दिया था, उसके विरुद्ध आज मुकदमा भी पंजीकृत करा दिया गया है। आरोपी को शीघ्र ही निलंबित भी कर दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि उझानी कोतवाली में तैनात दारोगा अशोक कुमार यादव पर गाँव संजरपुर बालजीत निवासी प्रदीप सिंह उर्फ नन्हें सिंह ने आरोप लगाया था कि उसे दारोगा व तीन सिपाहियों ने बेवजह हिरासत में ले लिया और जमकर मार लगाई, जिससे उसका हाथ तक टूट गया। एसएसपी ने उक्त प्रकरण की जांच कराई, तो आरोप सत्य पाये गये।
जांच के बाद आरोपी दारोगा को पीलीभीत तबादले पर भेज दिया गया, साथ ही आज उझानी कोतवाली में पीड़ित नन्हें की तहरीर पर धारा- 442, 323, 504 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा भी पंजीकृत करा दिया गया। आरोपी दारोगा को शीघ्र ही निलंबित भी कर दिया जायेगा। यह भी बता दें कि तेजतर्रार एसएसपी सुनील कुमार सक्सेना दोषी को छोड़ते नहीं हैं, वे जाँच आख्या का इंतजार कर रहे थे। जांच में आरोप सत्य पाये गये, तो उन्होंने आरोपी दारोगा से किसी तरह की सहानुभूति नहीं बरती। एसएसपी ने आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करा दी, लेकिन कुछ फर्जी नेता शुक्रवार से ही श्रेय लेते नजर आ रहे हैं। सवाल यह है कि फर्जी नेताओं के दबाव में दारोगा को हटाया गया था, तो आज मुकदमा दर्ज क्यों कराया गया? जाहिर है कि एसएसपी ने स्वयं पूरे प्रकरण को देखा और साक्ष्यों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया।
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