राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार सामाजिक न्याय की लड़ाई की आड़ में परिवाद और भ्रष्टाचार के नित नये आयाम स्थापित करता नजर आ रहा है। पार्टी के शीर्ष और लोकप्रिय नेताओं को दरकिनार कर लालू ने अपनी बेटी मीसा भारती को राज्यसभा सांसद बनाया था, जो आय से अधिक संपत्ति को लेकर फंसती नजर आ रही है।
प्रवर्तन निदेशायल ने फर्जी कंपनियों के माध्यम से 8 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप में मीसा भारती के सीए राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है, उस पर मीसा भारती को धन मुहैया कराने का आरोप है। राजेश अग्रवाल ने मीसा भारती की कंपनी मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स को एंट्री दिलाई थी, इस प्रकरण में जगत प्रोजेक्टस को 62 करोड़ से ज्यादा की एंट्री दिलाने के साथ कई अन्य बड़े लोगों को कमीशन लेकर शैल कंपनियों के माध्यम से एंट्री दिलाई थी। एस. के. जैन और वी.के. जैन की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है, वे दोनों जेल में हैं, साथ ही ईडी ने दोनों के विरुद्ध आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि 18 मई को आयकर विभाग ने दिल्ली और गुरुग्राम में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़े 22 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी एक हजार करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति को लेकर की गई थी। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद प्रेम चंद्र गुप्ता के बेटे और लालू की बेटी मीसा भारती एवं दामाद शैलेश कुमार के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी। लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले को लेकर कुख्यात हैं, इसके अलावा भी उनके परिवार पर मिट्टी घोटाला, पेट्रोल पंप घोटाला, काम के बदले जमीनों पर कब्जा करने का आरोप लग चुका है, इस सबसे उनके परिवार ने अरबों की बेनामी संपत्ति अर्जित की है, जिसकी ईडी जाँच कर रहे हैं, इस प्रकरण में बेटी और दामाद पर शिकंजा कसा जाना तय माना जा रहा है, वहीं मॉल को लेकर बेटों की भी जाँच चल रही है।
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