बदायूं में दलित किशोरी के साथ हुई यौन शोषण की वारदात में मेडिकल परीक्षण के बाद ऐसा खुलासा हुआ है कि पुलिस व प्रशासन के साथ शासन तक हड़कंप मच गया है। यौन शोषण की वारदात छः दिन पुरानी है, लेकिन किशोरी के गुप्तांग के अंदर मेडिकल परीक्षण के दौरान ऐसी वस्तुयें निकली हैं, जिनके बारे में देख और सुन कर लोग स्तब्ध हैं। मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टर का कहना है कि संभावना यही है कि यह सब वस्तुयें गुप्तांग में घटना के बाद डाली गई हैं।
उल्लेखनीय है कि थाना सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित आवास विकास कालौनी निवासी कक्षा नौ की छात्रा ने 27 जून को बताया कि वह 23 जून की सुबह पड़ोस की दुकान पर बिस्किट लेने गई थी, तभी ऋषभ नाम का पड़ोसी बहाने से उसे अपनी बाइक पर बैठाकर पड़ोस में ही स्थित गाँव नगलाशर्की के जंगल में ले गया, जहाँ शिवम उर्फ संतोष ने उसका यौन शोषण किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ऋषभ को 27 जून को ही और शिवम को अगले दिन 28 जून को हिरासत में ले लिया था, साथ ही किशोरी को मेडिकल परीक्षण कराने जिला अस्पताल भेज दिया था।
28 जून को देर शाम तक किशोरी का मेडिकल परीक्षण हुआ, इस दौरान किशोरी के गुप्तांग में प्लास्टिक की बोतल का ढक्कन, माचिस का कवर, कपड़े का टुकड़ा, निरोध, लकड़ी का टुकड़ा और पॉलिथिन वगैरह निकले, जिससे न सिर्फ डॉक्टर स्तब्ध रह गये, बल्कि सूचना पहुंचते ही पुलिस व प्रशासन के साथ शासन तक हड़कंप मच गया। इस संबंध में जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर हाकिम सिंह का स्पष्ट कहना है कि गुप्तांग में सभी वस्तुयें घटना के बाद एवं एक-दो घंटे पूर्व की डाली गई प्रतीत हो रही हैं, क्योंकि इतने दिनों तक गुप्तांग में यह सब वस्तुयें रहने से संक्रमण होता, जबकि अंदर ऐसा कुछ नहीं हुआ है और न ही किसी तरह की कोई चोट पाई गई है। बलात्कार को लेकर भी संशय की स्थिति है। प्रथम दृष्टया यही प्रतीत हो रहा है कि बलात्कार नहीं हुआ है, लेकिन बलात्कार की सही स्थिति जानने के लिए स्लाइड फॉरेंसिक लैब लखनऊ भेजी जा रही है।
उधर सोमवार को एसपी (सिटी) अनिल कुमार यादव की उपस्थिति में पुलिस अधिकारियों ने किशोरी के बयान दर्ज किये, इस दौरान किशोरी की फुफेरी बहन ने बताया कि अंकित मिश्र निवासी आदर्श नगर ने भी यौन शोषण कराने में आरोपी का सहयोग किया था, तो पुलिस ने उसे भी हिरासत में लिया। आरोपियों से पुलिस गहनता से जानकारी हासिल कर रही है। डीआईजी बरेली आरकेएस राठौर ने भी आज दौरा किया और घटना के संबंध में जानकारी हासिल कर सही जांच करने के निर्देश दिए। यह भी बता दें कि पीड़ित दलित किशोरी शाहजहांपुर जिले में स्थित थाना मिर्जापुर क्षेत्र की रहने वाली है और यहाँ बुआ के घर रह कर कक्षा नौ में पढ़ रही है। आरोपी व उसके सहयोगी भी छात्र हैं, जिनमें एक नाबालिग है।
उक्त घटना को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। किशोरी ऋषभ की बाइक पर बैठ कर क्यूं चली गई? जंगल तक पहुंच गई, तो उससे पहले शोर क्यूं नहीं मचाया? जंगल में सिर्फ एक लड़के ने ही बलात्कार क्यूं किया? पहले दिन दो आरोपी क्यूं बताये? बाद में एक और आरोपी क्यूं बताया? गुप्तांग में वस्तुयें होने के बावजूद वो दर्द कैसे सहती रही? दो लोग जकड़े हुए थे, तो जकड़ने के निशान क्यूं नहीं आये? इन सब सवालों के जवाब पुलिस जांच के बाद ही पता चल सकेंगे। फिलहाल चर्चा यह भी है कि थाना सिविल लाइन के एसओ अजय सिंह को हटाने के लिए एक शातिर दिमाग व्यक्ति घटना को जघन्य रूप देने का प्रयास कर रहा है।
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