बदायूं जनपद में नोडल अधिकारी धीरज साहू मौजूद हैं, फिर भी सुंदरनगर की घटना को अफसर गंभीरता से नहीं ले रहे। ग्रामीणों ने आज भी बच्चों को विद्यालय नहीं भेजा, जिससे विद्यालय में शिक्षण कार्य नहीं हुआ, लेकिन विवादित मुस्लिम शिक्षक विद्यालय में मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर थाना इस्लामनगर क्षेत्र के गाँव सुंदरनगर में स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में राष्ट्रीय गीत और राष्ट्र गान का मुस्लिम शिक्षकों द्वारा बहिष्कार किया गया था। प्रधान ने आरोप लगाया था कि विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक मुश्ताक अहमद और सहायक अध्यापक उम्रदराज की कट्टरपंथी मानसकिता के चलते विद्यालय में कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। सरकार के विरोध में किये कार्य छुपे रहें, इसलिए प्रधान और गाँव के किसी गणमान्य नागरिक को भी नहीं बुलाया। प्रधान का आरोप है कि मंगलवार को राष्ट्रीय गीत और राष्ट्र गान नहीं गवाने का जवाब माँगा गया, तो दोनों अध्यापक विद्यालय बंद कर भाग गये थे।
अगले दिन बुधवार को विद्यालय खुलने से पहले ही तमाम ग्रामीण विद्यालय परिसर में जमा हो गये। आरोपी अध्यापकों के पहुंचते ही ग्रामीणों ने उनका टेस्ट लेना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने आरोपी अध्यापकों से राष्ट्रीय गीत, राष्ट्र गान और सरस्वती वंदना सुनाने को कहा, तो वे नहीं सुना सके, इस पर ग्रामीणों ने जमकर फजीहत की एवं यह कहते हुए विद्यालय नहीं खुलने दिया कि दोनों अध्यापक मूर्ख हैं, जिससे बच्चों का भविष्य बर्बाद ही करेंगे, ऐसे में विद्यालय का न खुलना ही सही है। गुरुवार को भी ग्रामीणों का गुस्सा कम नहीं हुआ। अध्यापक विद्यालय पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने बच्चे नहीं भेजे, जिससे विद्यालय में आज भी शिक्षण कार्य नहीं हुआ। विभागीय अफसरों और प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही तब है, जब जिले में नोडल अफसर धीरज साहू मौजूद हैं। हालाँकि गौतम संदेश की खबर पर बीएसए ने एबीएसए को जाँच कर रिपोर्ट देने को कहा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों के विरुद्ध कार्रवाई करने की भी बात कही है, लेकिन वहां के हालात टालने वाले नजर नहीं आ रहे हैं। अफसरों को तत्काल निर्णय लेना होगा, वरना हालात बिगड़ भी सकते हैं।
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