बदायूं जिले की स्वास्थ्य सेवायें पूरी तरह चौपट नजर आ रही हैं। वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर निरीक्षण के नाम पर सिर्फ फोटो खिंचवाते हैं और बिना कुछ कार्रवाई किये हीरो बनने का प्रयास करते रहते हैं, जबकि हालात भयावह हैं। एड्स ग्रस्त जच्चा से अमानवीय व्यवहार करने का प्रकरण अभी थमा नहीं है, ऐसे में एक और जच्चा को मौत के हवाले कर दिया। जच्चा किसी तरह बच तो गई, पर उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
हृदय विदारक घटना कस्बा अलापुर की है। बताते हैं कि मोहल्ला नंबर- एक में एक गरीब ब्राह्मण परिवार की गर्भवती महिला के पेट में शाम करीब छः बजे तेज दर्द उठा, तो परिजन स्थानीय अस्पताल की ओर लेकर दौड़ पड़े। यूपी सरकार गर्भवती महिलाओं को तमाम सहूलियतें देने का प्रयास कर रही है, ऐसे में वहां तैनात महिला कर्मचारी ने एक हजार रूपये देने पर ही गर्भवती महिला को हाथ लगाने की बात कही।
बताते हैं कि गरीब परिजन हजार रूपये नहीं दे पाये, इसलिए महिला कर्मी ने दर्द से चीखती महिला को बिस्तर तक पर नहीं लेटने दिया। गर्भवती महिला जमीन पर पड़ी चीखती रही, साथ ही चारों ओर खून फैल गया, यह दृश्य देखने वाले कराह उठे, लेकिन महिला कर्मी का पत्थर दिल नहीं पसीजा।
कहते हैं कि बचाने वाले में बड़ी शक्ति होती है, सो किसी तरह बच्चे ने स्वतः जन्म ले लिया, लेकिन महिला तब तक बेहोश हो चुकी थी। सूत्र का कहना है कि महिला अस्पताल में ही है और उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।