बदायूं के जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर और कर्मचारी दरिंदे बनते जा रहे हैं। हालात इतने भयानक हो चले हैं कि गंभीर रूप से घायल युवक का उपचार करने की जगह मोर्चरी में रखवा दिया, जिसने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया। परिजन बेहाल हैं, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
घटना बुधवार की है। उघैती थाना क्षेत्र के गाँव फतेह नगला निवासी वाहिद (24) बाइक द्वारा बिल्सी से उघैती जा रहा था, तभी वह हादसे का शिकार हो गया। गंभीर रूप से घायल वाहिद को जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन डॉक्टर और कर्मचारियों ने कुछ देर उपचार करने के बाद मोर्चरी में रखवा दिया। पीड़ित परिजनों का कहना है कि वाहिद जीवित था, उसे डॉक्टर बचा सकते थे, लेकिन उनके पास डॉक्टर को देने के लिए रूपये नहीं थे, जिससे डॉक्टर ने वाहिद का उपचार नहीं किया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
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