उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने आलू और गन्ना किसानों को बड़ी राहत देने के निर्देश दिए हैं, उन्होंने प्रदेश में अत्यधिक आलू उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुये आलू उत्पादक किसानों को उनकी उपज का बेहतर लाभकारी मूल्य दिलाने हेतु बाजार हस्तक्षेप योजना के माध्यम से 1 लाख मीट्रिक टन आलू क्रय करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने पेराई सत्र 2016-17 के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान आगामी 23 अप्रैल तक किसानों को प्रत्येक दशा में कराने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान न करने वाले गन्ना मिल मालिकों के विरुद्ध नियमानुसार एफआईआर दर्ज कराकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिये हैं कि किसानों का आलू 487 रुपये प्रति कुन्तल की दर से भारत सरकार की नेफेड संस्था, उत्तर प्रदेश सरकार की पीसीएफ, यूपी एग्रो तथा नाफेड द्वारा आलू की खरीद पारदर्शिता के साथ की जायेगी। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत इन संस्थाओं द्वारा प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों एवं जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराते हुये आवश्यकतानुसार क्रय केन्द्र खोले जायें। उन्होंने कहा कि इन्हीं क्रय केन्द्रों के माध्यम से किसानों का फेयर एवरेज क्वालिटी (एफएक्यू) का आलू क्रय हो सकेगा। उत्तर प्रदेश में 1708 शीतगृह निर्मित हैं, जिसमें 130 लाख मीट्रिक टन की भण्डारण क्षमता है। अभी तक 95 लाख मीट्रिक टन ही भण्डारित है।
मुख्यमंत्री ने पेराई सत्र 2016-17 के अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान आगामी 23 अप्रैल तक किसानों को प्रत्येक दशा में कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान न करने वाले गन्ना मिल मालिकों के विरुद्ध नियमानुसार एफआईआर दर्ज कराकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का हित प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विभागीय गन्ना मंत्री अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान निर्धारित अवधि में कराने हेतु सम्बन्धित मिल मालिकों की बैठक बुलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बंद सहकारी चीनी मिलों को आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 में चालू कराने हेतु आवश्यक व्यवस्थायें एवं कार्यवाहियां समय से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने 2010-11 में प्रदेश की 21 चीनी मिलों को बेचने में हुये लगभग 1100 करोड़ रुपये के घोटाले की गहन जांच के निर्देश देते हुये कहा कि आवश्यकता पड़ने पर इस मामले की जांच सीबीआई से भी करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को सरकारी की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह जनता की संपत्ति है, जिसका दुरुपयोग कतई नहीं होने दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को लखनऊ स्थित शास्त्री भवन में अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय निर्देश दे रहे थे। उन्होंने गन्ना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि गन्ना समिति स्तर पर प्रत्येक माह में एक बार गन्ना किसान दिवस का आयोजन कराकर गन्ना किसानों की शिकायतों का निवारण प्राथमिकता से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की शिकायतों का निराकरण कराने हेतु एक टोल फ्री नम्बर भी गन्ना विकास विभाग द्वारा जारी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के क्रियाशील 116 चीनी मिलों द्वारा प्रतिवर्ष 116 गांव अर्थात् आगामी 05 वर्षों में 580 गांवों को अंगीकृत कर आदर्श गांव के रूप में विकसित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्त चीनी मिल यार्डों में गन्ना किसानों को स्वच्छ पेयजल और बैठने हेतु शेड का निर्माण भी कराया जाये। उन्होंने गन्ना किसानों की बहुप्रतीक्षीत मांग को दृष्टिगत रखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में खड़न्जा निर्माण प्रारंभ कराया जाये। उन्होंने गत् 02 वर्षों में निर्मित सम्पर्क मार्गों का भौतिक सत्यापन कराये जाने के भी निर्देश दिये हैं।
श्री योगी ने कहा कि सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं गन्ना विकास परिषदों के अध्यक्षों से सकारात्मक सुझाव प्राप्त करने हेतु कार्यशाला का आयोजन भी कराया जाये। उन्होंने कहा कि अगेती गन्ना प्रजातियों की अधिक उत्पादकता हेतु वांछित एवं किसानों में लोकप्रिय कीटनाशक ‘कोराजन’ को अनुदानित दर पर किसानों को उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी 100 दिवसों में सठियाव एवं स्नेहरोड़ सहकारी चीनी मिलों में नई आसवनी एवं एथनाल प्लान्ट का लोकार्पण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करा ली जाये।
श्री योगी ने गन्ना मूल्य भुगतान के प्रति शिथिलता बरतने वाली चीनी मिलों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही कराये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को भारत सरकार से साफ्टलोन दिलाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों को इन्टीग्रेटेड काम्प्लेक्स के रूप में विकसित किये जाने तथा गन्ने के जूस से सीधे एथनाॅल अथवा बी-हैबी मोलेसेस से एथनाॅल उत्पादन को बढ़ावा दिये जाने हेतु कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि एथनाॅल उत्पादन को प्रोत्साहित किये जाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा उचित मूल्य का निर्धारण सुनिश्चित कराया जाये, क्योंकि चीनी के मूल्य के सापेक्ष्य 1.5 गुना एथनाॅल कम हो रहा है। उन्होंने अनूपशहर चीनी मिल में प्रेस मड से सीएनजी के उत्पादन की कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आॅफ सीजन में चीनी मिलों में उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग हेतु राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर कार्ययोजना बनाई जाये।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर द्वारा किसानों को नवीनतम जानकारी एसएमएस से दिये जाने हेतु ‘‘गन्ना शोध सूचना प्रणाली’’ का शुभांरभ इस वर्ष कराये जाने पर गन्ना विभाग के कार्यों की प्रशंसा करते हुये कहा कि गन्ना विकास से सम्बन्धित किसान मेलों, प्रदर्शनियों, विचार गोष्ठियों एवं सामूहिक सभाओं के वृहद आयोजन कराये जायें। उन्होंने मृदा परीक्षण लैब में 54 मिल क्षेत्रोेें में मृदा विशलेषण का कार्य एवं प्रतिवर्ष लगभग 2 लाख कुन्तल अभिजनक गन्ना बीज का उत्पादन एवं वितरण कराये जाने पर भी प्रशंसा व्यक्त की। विभाग द्वारा प्रस्तुतिकरण में पेराई सत्र 2015-16 एवं 2016-17 के गन्ना मूल्य भुगतान का तुलनात्मक स्थिति की जानकारी देते हुये बताया गया कि गत् वर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष में 7918 करोड़ अर्थात् 21 प्रतिशत अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। विभाग द्वारा बताया गया कि वर्तमान सरकार की गठन के बाद अब तक गन्ना मूल्य का 2923 करोड़ रूपये का भुगतान किसानों को कराया गया है। पेराई सत्र 2015-16 में कुल देयता 18003.21 करोड़ रूपये के सापेक्ष्य 17840.58 करोड़ रूपये का भुगतान अर्थात् 99.10 प्रतिशत का भुगतान कराया गया है। बताया गया कि सहकारी एवं निगम की चीनी मिलों का शत्-प्रतिशत भुगतान कराया जा चुका है। निजी क्षेत्र की मात्र 05 चीनी मिलों पर 162.63 करोड़ रूपये अवशेष है, जिसका भी भुगतान प्राथमिकता से कराने हेतु निर्देश दिये गये हैं।
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