नूतन वर्ष की पावन वेला में साहित्यिक रूचि के पाठकों के लिए हम लाये हैं भूराज सिंह “राज लॉयर” के मुक्तक। सभी मुक्तक नये हैं, जिससे और ज्यादा अच्छे लगेंगे। कहा जाता है कि भूराज सिंह “राज लॉयर” के स्तर के मुक्तक हाल-फिलहाल हिंदी जगत में कोई नहीं लिख पा रहा है, इसीलिए वे मंच पर नायक बन कर सामने आ रहे हैं।
पहला मुक्तक है कि कहीं उपवास घातक है … दूसरा है कि सृष्टि के चर-अचर में सत्य का आभास है … तीसरा है कि बर्फ की मानिंद गलता जा रहा है … चौथा है कि मानता हूँ घाव हूँ, खंजर नहीं हूँ … पांचवा है कि जब किस्मत साथ निभाती है गतिरोध शून्य हो जाता है … छठा है कि शैतानों की शक्ति नहीं हो, तुम अंधी अनुरक्ति नहीं हो … सभी मुक्तक शानदार हैं, जो वीडियो में सुने जा सकते हैं।
भूराज सिंह “राज लॉयर” के पिटारे में ऐसे-ऐसे मुक्तक हैं, जो न सिर्फ जोश पैदा करने में सक्षम हैं बल्कि, प्रेम में डुबाने का भी काम करते हैं, साथ ही समाज का दर्पण भी दिखते हैं। हिंदी भाषा पर मजबूत पकड़ रखने वाले राज लॉयर के दीवानों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, उनके चाहने वालों के लिए उन्हें गौतम संदेश पर लाने का प्रयास किया जाता रहेगा।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)