बदायूं की दलित किशोरी के साथ हुई यौन शोषण की कहानी में आज एक और अध्याय जुड़ गया। अब किशोरी कह रही है कि आठ-दस लोग रखवाली भी कर रहे थे। किशोरी मुख्य आरोपी का नाम भी भूल गई, साथ ही आज पैनल ने पुनः मेडिकल परीक्षण किया, जिसमें कुछ नया तथ्य प्रकाश में नहीं आया।
उल्लेखनीय है कि थाना सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित आवास विकास कालौनी निवासी कक्षा नौ की छात्रा ने 27 जून को बताया कि वह 23 जून की सुबह पड़ोस की दुकान पर बिस्किट लेने गई थी, तभी ऋषभ नाम का पड़ोसी बहाने से उसे अपनी बाइक पर बैठाकर पड़ोस में ही स्थित गाँव नगलाशर्की के जंगल में ले गया, जहाँ शिवम उर्फ संतोष ने उसका यौन शोषण किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर ऋषभ सहित तीन युवाओं को हिरासत में ले लिया था, साथ ही किशोरी को मेडिकल परीक्षण कराने जिला अस्पताल भेज दिया था।
किशोरी के 28 जून को हुए मेडिकल परीक्षण के दौरान गुप्तांग में प्लास्टिक की बोतल का ढक्कन, माचिस का कवर, कपड़े का टुकड़ा, निरोध, लकड़ी का टुकड़ा और पॉलिथिन वगैरह निकले, जिससे न सिर्फ डॉक्टर स्तब्ध रह गये, बल्कि सूचना पहुंचते ही पुलिस व प्रशासन के साथ शासन तक हड़कंप मच गया था, लेकिन बलात्कार की पुष्टि नहीं हो पा रही थी, साथ ही जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर हाकिम सिंह ने स्पष्ट कहा कि गुप्तांग में सभी वस्तुयें घटना के बाद एवं एक-दो घंटे पूर्व की डाली गई प्रतीत हो रही हैं।
इसके बाद किशोरी के परिजनों ने मेडिकल परीक्षण पर ही सवाल उठा दिए, तो पुलिस ने आज पुनः पैनल से परीक्षण कराया। डॉक्टरों के तीन सदस्यों के दल ने देर रात तक परीक्षण किया, तो पैनल ने पुरानी आख्या को ही सही माना। मेडिकल परीक्षण में कुछ भी नया तथ्य प्रकाश में नहीं आया, इसके अलावा आज किशोरी ने एक और खुलासा किया कि घटना के समय आसपास आठ-दस और लोग भी थे, जो रखवाली कर रहे थे। किशोरी आज मुख्य आरोपी का नाम भी नहीं बता पाई। बार-बार संकेत नाम ले रही थी, जबकि इससे पहले इस नाम का उल्लेख एक बार भी किशोरी ने नहीं किया था। तीनों आरोपी छात्र पुलिस हिरासत में ही हैं, जिन्हें पुलिस जांच पूर्ण न होने तक हिरासत में ही रखेगी।
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