बदायूं लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव को बदनाम करने के खेल में पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। सांसद को बदनाम करने के षड्यंत्र में दो अखबार खुल कर सामने आ गये हैं, जिनकी जिले भर में जमकर फजीहत हो रही है।
सूत्रों का कहना है कि सांसद धर्मेन्द्र यादव के विरुद्ध खबर छापने पर विद्रोही गुट ने रुपयों का ऑफर दिया, जो दो अखबारों के ब्यूरो चीफ ने स्वीकार कर लिया। सूत्र ने बताया कि सांसद के विरुद्ध खबर छापने पर प्रति खबर पच्चीस हजार रुपया दिया जा रहा है। घटनात्मक खबरों पर भी विद्रोही गुट का बयान छापा जा रहा है। एक ही बयान प्रतिदिन छापा जा रहा है, जिसके रूपये अलग से मिल रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि पूरे दिन फील्ड में रह कर खबर जुटाने का वाला रिपोर्टर शाम को खबर लिखता है, उस खबर को रूपये लेने वाले ब्यूरो चीफ बदल देते हैं और शीर्षक विरोधी गुट से बात कर के लगाते हैं। सूत्र ने बताया कि रोज 8: 30 के आसपास एक आदमी फर्जी विज्ञप्ति लेकर आता है, उस फर्जी विज्ञप्ति को आधार बना कर खबर को ब्यूरो चीफ उल्टा बना देते हैं, जबकि जमीन पर सांसद का विरोध करना तो दूर की बात है, कोई उनके संबंध में बुरे शब्द सुनने तक को तैयार नहीं है।
सूत्र ने बताया कि जिन पत्रकारों ने विद्रोही गुट से रूपये लेने को मना कर दिया, उन्हें सांसद का चहेता बता कर उल्टा बदनाम कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत और रूपये बाँटने की जानकारी जनता को हो गई है, जिससे विद्रोही गुट की और भी ज्यादा फजीहत हो रही है, साथ ही रूपये लेकर नकारात्मक खबरें छापने वाले अखबारों को भी लोग कठघरे में खड़ा करते नजर आ रहे हैं। राजनीति के गर्भ में उल्टे-सीधे हाथ-पैर मारने के कारण हत्या होने की स्थिति है, इसलिए स्वयं को जीवित रखने के लिए विद्रोही गुट किसी भी स्तर पर जा सकता है। दंगा भी करा सकता है, इसलिए जनता को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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