पुलिस व प्रशासन के लिए राहत वाली खबर है। मेडिकल परीक्षण के बाद पता चला है कि किशोरियों के साथ रेप नहीं हुआ है, लेकिन जिस तरह पुलिस अफसर स्वयं फोन कर पत्रकारों को यह जानकारी देते नजर आ रहे हैं, उससे कई सवाल भी खड़े नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले के जरीफनगर थाना क्षेत्र में स्थित गाँव भोयस निवासी एक मल्लाह परिवार की चचेरी-तहेरी बहनें जंगल में बुधवार शाम को शौच के लिए गई थीं, तभी पड़ोसी गाँव मदारपुर के कुछ सशस्त्र दरिंदों ने उन्हें दबोच लिया। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि बारी-बारी से उनका यौन शोषण किया। 13-14 वर्ष की किशोरियों की चीख सुन कर ग्रामीणों ने पांच लोगों को पकड़ लिया, जिनमें से दो के पास रायफल भी थीं।
सूचना के बाद वरिष्ठ अफसर मौके पर पहुंचे और घटना स्थल से कुछ नमूने भी जमा कराये एवं गाँव में पीएसी तैनात कर दी गई। दूसरी ओर मुकदमा दर्ज करने के बाद किशोरियां मेडिकल परीक्षण के लिए जिला मुख्यालय भेज दी गईं। देर रात तक डॉ. नाजिया और डॉ. ओमवती ने दोनों का गहन परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि परीक्षण में रेप की पुष्टि नहीं हुई है।
उधर पुलिस के बड़े अफसर स्वयं फोन कर पत्रकारों को जानकारी दे रहे हैं कि रेप की पुष्टि नहीं हुई है, जिससे कई सवाल भी खड़े नजर आ रहे हैं, वहीं आरोपी पुलिस गिरफ्त में ही हैं, जिन्हें गुरूवार को न्यायालय में पेश किया जायेगा।