भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश की जनता की भावनाओं का आदर करता नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी के नाम पर सहमति दे दी है, अब विधायकों की बैठक में उनके नाम की औपचारिक घोषणा की जायेगी, रविवार को वे भव्य समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे, उनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाये जायेंगे।
भाजपा के हाशिये पर चले जाने पर उत्तर प्रदेश में निरंतर संघर्ष करते रहे योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह है, उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ था, उन्होंने गढ़वाल विश्व विद्यालय से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की है। गोरखपुर के विश्व भर में प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं एवं प्रचंड राष्ट्रवादी संगठन हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं।
शरीर त्याग चुके महाराज अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया था और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, तब से योगी आदित्यनाथ सांसद हैं। 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा में चुन कर पहुंचे 26 वर्षीय योगी आदित्यनाथ सबसे कम उम्र के सांसद थे। कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलने वाले योगी 2007 में गोरखपुर में दंगे में मुख्य आरोपी बनाये गये थे। आज योगी इतने लोकप्रिय हैं कि वह जो भी बोल देते हैं, उस पर लोग पत्थर पर लिखे हुए की तरह विश्वास कर लेते हैं। गोरखनाथ में उनकी हैसियत और भी बढ़ी है, वह मंदिर से ऐलान करते हैं, तब त्यौहार मनाये जाते हैं।
लोकप्रियता के चलते उनकी जान पर भी संकट बना रहता है, 7 सितंबर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हमला हुआ था, वे किसी तरह बच गये थे। उनकी गिरफ्तारी को लेकर मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के डिब्बे फूंक दिए गए थे, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर ही लगा था, उस समय पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में दंगे भी फैल गए थे, उनकी गिरफ्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी और एसएसपी का तबादला करना पड़ा था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी वे मायूस हिन्दुओं का मनोबल बढ़ाते रहे हैं, ऐसे योगी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए तय होने पर उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में फैले हिन्दुओं के लिए जश्न का विषय होगा ही।
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