भारत सरकार ने बुधवार को 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी, इस वर्ष 106 हस्तियों के लिये पद्म पुरस्कार दिये जायेंगे। 6 लोगों को पद्म विभूषण, 9 लोगों को पद्म भूषण और 91 लोगों को पद्मश्री दिये जायेंगे। ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन के जनक दिलीप महालनाबिस को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। पश्चिम बंगाल के 87 वर्षीय डॉक्टर महालनाबिस ने ओआरएस के व्यापक उपयोग करने का बीड़ा उठाया था। अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर 5 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई है। महालनाबिस का पिछले अक्टूबर में कोलकाता में निधन हो गया था।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बालकृष्ण दोशी को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जायेगा। तबला वादक जाकिर हुसैन, एसएम कृष्णा और श्रीनिवास वर्धन को पद्म विभूषण दिया जायेगा। इसके अलावा एसएल भयरप्पा, कुमार मंगलम बिड़ला, दीपक धर, वाणी जयराम, स्वामी चिन्ना जीयर, सुमन कल्याणपुर, कपिल कपूर, सुधा मूर्ति और कमलेश डी. पटेल को पद्म भूषण से सम्मानित किया जायेगा।
डॉ, सुकामा आचार्य, जोधैयाबाई बैगा, प्रेमजित बैरिया, ऊषा बरले, मुनीश्वर चंद डावर, हेमंत चौहान, भानुभाई चितारा, हेमोपोवा चुतिया, नरेंद्र चंद्र देबबर्मा (मरणोपरांत), सुभद्रा देवी, खादर वल्ली दुदेकुला, हेम चंद्र गोस्वामी, प्रीतिकाना गोस्वामी, राधा चरण गुप्ता को पद्म श्री से सम्मानित किया जायेगा।
पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं, इनका शुभारंभ 1954 में किया गया था। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर नाम घोषित किये जाते हैं। कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा और सामाज के हित में कार्य करने वाले नायकों को सम्मान दिये जाते हैं।
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