नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के गोल मार्केट स्थित स्कूल में बहनों के साथ बच्ची खुशी-खुशी जाती थी, वह बच्ची और उसकी बहनें यौन उत्पीड़न की वारदात के बाद से स्कूल जाने के नाम से ही कांपने लगती हैं। हालाँकि आरोपी इलेक्ट्रिशियन राम आसरे (50), स्कूल की हेड मिस्ट्रेस संतोष रावत, क्लास टीचर शिखा और असिस्टेंट इंजीनियर तुलसी राम को निलंबित कर दिया गया है लेकिन, सवाल यह है कि भविष्य में घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके क्या इंतजाम किये जा रहे हैं।
दिल्ली सहित समूचे एनसीआर क्षेत्र में स्थित स्कूल भी सुरक्षित नहीं हैं। सरकारी और निजी स्कूलों के हालात एक जैसे ही हैं। छोटी-छोटी बच्चियों को दरिंदे अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं। गोल मार्केट स्थित एनडीएमसी के सरकारी स्कूल में इलेक्ट्रिशियन राम आसरे ने पिछले मंगलवार को मासूम को अपनी का शिकार बनाना चाहा था, लेकिन सफल नहीं हो सका पर, बच्ची की ड्रेस का बटन टूट गया था, जिसको लेकर माँ ने पूछा तो, बच्ची ने कुछ नहीं बताया था। दरिंदे ने अगले दिन बुधवार को बच्ची दबोच ली, उसने विरोध किया तो, दरिंदे ने उसे थप्पड़ मार कर चुप करा दिया था।
बताते हैं कि सदर बाजार क्षेत्र से वैन द्वारा पीड़ित बच्ची दो बड़ी बहनों के साथ स्कूल आती थी। एक बड़ी बहन कक्षा- चार और दूसरी बड़ी बहन कक्षा- छः में पढ़ती हैं। पीड़ित छात्रा की छुट्टी दोपहर डेढ़ बजे हो जाती है एवं बड़ी बहनों की छुट्टी दो बजे होती है, इस दौरान पीड़ित बच्ची स्कूल के ग्राउंड में खेलती रहती थी। बुधवार को आरोपी इलेक्ट्रिशियन राम आसरे बच्ची को उठाकर पंप हाउस में ले गया, जहाँ उसने बच्ची का यौन उत्पीड़न किया।
स्कूल प्रबंधन की लापरवाही घटना से पहले तो थी ही लेकिन, घटना के बाद भी रवैया खराब ही रहा, जिससे अभिवावक आक्रोशित हैं। प्रकरण में कार्रवाई की जा रही है, जाँच भी हो रही है लेकिन, सवाल यह है की व्यवस्था इस तरह की क्यों नहीं बनाई जा रही है कि स्कूल जैसे स्थानों पर बच्चियां सुरक्षित रहें।
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