दिवंगत विधायक हाजी इरफान की मृत्यु प्रकरण की जांच करने हेतु टीम बदायूं पहुंच गई है। टीम ने सर्व प्रथम कातिल एंबुलेंस तलब की, जिसका ऑक्सीजन का सिलेंडर और रेगुलेटर सही बताया जा रहा है, लेकिन मौके की स्थिति लापरवाही स्वतः ही बयान कर रही थी, साथ ही इस प्रकरण में अस्पताल के कर्मचारी गुट सक्रिय हो गये हैं, जो इस हाईप्रोफाइल प्रकरण में अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाने में जुटे नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरूवार को बदायूं में मुजरिया-कछला मार्ग पर सैफई जाते समय बिलारी क्षेत्र के विधायक हाजी इरफान की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें विधायक हाजी इरफान की बरेली में मृत्यु हो गई थी। इस दुर्घटना में विधायक सहित चार लोगों की मृत्यु हुई थी। विधायक की मृत्यु का कारण लापरवाही माना जा रहा है, जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
उक्त प्रकरण की मजिस्ट्रियल जाँच चल रही है, वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ से आज निदेशक नियोजन एस.के. तिवारी व निदेशक स्वास्थ्य एवं सीएचसी/पीएचसी जे.पी. आर्य बदायूं पहुंच गये। टीम ने सर्व प्रथम कातिल एंबुलेंस तलब की, जिसका ऑक्सीजन सिलेंडर व रेगुलेटर सही बताया जा रहा है, लेकिन मौके की स्थिति बता रही थी कि 108 एंबुलेंस सेवा लापरवाहों के कब्जे में है। जीवीके फाउंडेशन द्वारा संचालित 108 एंबुलेंस सेवा के प्रबंधकों पर डीजल घोटाले के आरोप लगते रहे हैं। अब लापरवाही भी उजागर हो गई है।
दिवंगत विधायक को बरेली ले जाने वाली 108 एंबुलेंस संख्या- यूपी 44 जी 1290 का आगे व पीछे लिखा नंबर अस्पष्ट है। निःशुल्क सेवा की जगह शुल्क सेवा लिखा है। स्ट्रेचर के पहिये टूटे हुए हैं, साथ ही एंबुलेंस के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर को रोकने के लिए लकड़ी की धांस लगी हुई है। व्यवस्था का सच उजागर करने के लिए इतना सब काफी है। इसमें कोई शक नहीं है कि दिवंगत विधायक के उपचार में लापरवाही नहीं बरती गई थी।
उक्त घटना संपूर्ण व्यवस्था पर सवाल उठाने को काफी है। उक्त घटना भ्रष्टाचार और लापरवाही से ही जुड़ी हुई है, लेकिन घटना को राजनैतिक और सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। असलियत में अस्पताल के अंदर दोनों संप्रदायों के कर्मचारी हैं, जिनमें अधिकांश भ्रष्ट और लापरवाह ही हैं, साथ ही किसी न किसी नेता के चहेते हैं। मलाईदार पद पर बने रहने में नेता पूरी मदद करते हैं। पिछले दिनों सीएमएस शशि कुमार अग्निहोत्री ने 45 हजार टैबलेट गायब करने के आरोप में स्टोर के इंचार्ज शाकिर अली को स्टोर से हटा दिया था, उस प्रकरण के चलते ही सीएमएस शशि कुमार अग्निहोत्री को आरएसएस की मानसिकता का व्यक्ति बताया जा रहा है, उन पर नमाज न पढ़ने देने के आरोप लगाये जा रहे हैं। दिवंगत विधायक हाजी इरफान की मौत के सहारे जिला अस्पताल में दूसरा गुट पूरी तरह हावी होना चाहता है और पेट्रोल की तरह बयानबाजी करा कर आग को लगातार भड़का रहा है, ताकि मुख्यमंत्री स्तर से होने वाली कार्रवाई के लपेटे में दूसरा पूरा गुट आ जाये।
उक्त प्रकरण के दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कराने के लिए लापरवाही ही काफी है। जाँच में सुबूत जमा होने के बाद कोई बच भी नहीं पायेगा, ऐसे में अनर्गल बयानबाजी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। सिर्फ सवाल ही उठाये जायें, तो दिवंगत विधायक सहित गाड़ी में बैठे सभी लोगों पर भी उठाये जा सकते हैं, क्योंकि मृतकों ने सीट बेल्ट लगाई होती, तो चुटैल भी न होते। बरेली साथ गये फार्मासिस्टों ने भी आरोप लगाया है कि परिजनों ने विधायक को जबरन बैठाया और पानी भी पिलाया। दिवंगत विधायक के परिजन आज बदायूं आ गये हैं, जो तमाम तरह के अनर्गल आरोप मढ़ रहे हैं, जबकि उनके पक्ष की सरकार है, जिसके बड़े अफसर जाँच कर रहे हैं। जाँच पूरी होने तक उन्हें भी धैर्य रखना चाहिए। बयानबाजी न होने तक समाज के हर तबके के लोग घटना को लेकर दुखी थे, लेकिन अब गुटों में लामबंद होने लगे हैं। अगर, हालात बिगड़े, तो इसके लिए सपा नेता ही जिम्मेदार कहे जायेंगे।
संबंधित खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें लिंक
आदर्श नागरिक बनाता है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ: कुलदीप
दाढ़ी और टोपी देख कर मार दिए विधायक इरफान: आबिद
ऑक्सीजन होती, तो भी नहीं बचते विधायक इरफान
विधायक और कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री ने दिया बराबर सम्मान