एनसीआर में विवाहिता की हत्या के प्रकरण में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। माँ के साथ बेटे और बेटी को भी मौत के घाट उतारा गया था। घटनाक्रम में पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। बेटी का शव गायब बताया जा रहा है।
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उल्लेखनीय है कि सनसनीखेज वारदात दादरी कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर ओमीक्रॉन- 2 में गुरुवार रात को घटी थी, जिसमें मंजू यादव नाम की महिला का शव घर के अंदर बरामद हुआ था, साथ ही उसके बेटे-बेटी गायब थे। मृतका पति प्रमोद से अलग अपने बेटे कृष्णकांत यादव (20) और बेटी प्रियंका यादव (18) के साथ किराये पर रहती थी। मैनपुरी जिले का निवासी प्रमोद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में संविदा पर कार्य करता है, उसे शराब पीने की लत है, जिसके चलते पत्नी से विवाद होता था, इसलिए वह बीटा- वन में किराये पर रहता है।
उक्त प्रकरण में मनीष नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था, जिसने पुलिस से स्वीकार किया कि उसने बिट्टू कसाना निवासी लोनी गाजियाबाद, प्रवीण भाटी निवासी गांव सिरसा, अंकित भाटी निवासी दलेलगढ़ दनकौर और तरुण लोहिया निवासी डाबरा दादरी के साथ मिल कर तीनों की हत्या की थी। कृष्णकांत और प्रियंका के शव खेरली नहर में फेंक दिए थे लेकिन, मंजू का शव ले जाने से पहले दिन निकल आया था।
बताते हैं कि मनीष और कृष्णकांत में गहरी दोस्ती थी, दोनों के परिवार एक-दूसरे के घर जाते थे लेकिन, लगभग 20 दिन पहले एक विवाह समारोह में एक लड़की को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। प्रकरण पुलिस तक पहुंचा था लेकिन, समझौता करा कर पुलिस ने घटना दबा दी थी, उसी घटना के चलते जघन्य हत्या कांड हो गया।
इसके अलावा शनिवार को खेरली नहर में दो शव मिलने की सूचना मिली थी लेकिन, दनकौर और ककोड़ पुलिस सीमा विवाद में उलझी रही थी, लेखपाल आया, उससे पहले एक शव गायब हो गया था, जो प्रियंका का बताया जा रहा है। प्रियंका का शव गायब होने से यह खुलासा भी नहीं हो सकेगा कि उसके साथ हत्या से पहले क्या हुआ था। बता दें कि कृष्णकांत बीसीए औए प्रियंका बी. कॉम की छात्रा थी।
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