उच्चतम न्यायालय द्वारा असंवैधानिक करार देने के बाद केंद्र सरकार ने तीन तलाक को लेकर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। नये कानून के अनुसार एक बार में तीन तलाक देना गैर जमानती संज्ञेय अपराध होगा, जिसके अंतर्गत तीन वर्ष की जेल और जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। विधेयक का नाम मुस्लिम वुमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालीय समूह में शामिल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने नया ड्रॉफ्ट तैयार किया है, जो राज्य सरकारों को इस आशय से भेज दिया गया है कि वे अपनी राय तत्काल दें। राज्यों की राय के बाद कानून मंत्रालय ड्राफ्ट कैबिनेट के सामने रखेगा। केंद्र सरकार बिल को 15 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में पेश करना चाहती है।
ड्राफ्ट के अनुसार मौखिक, लिखित, ई-मेल, एसएमएस, अथवा व्हाट्सएप द्वारा एक बार में तीन तलाक देना अमान्य होगा, साथ ही संसद से बिल पारित होने के बाद पीड़िता को और अपने नाबालिग बच्चों के भरण-पोषण व गुजारा भत्ता के लिए मजिस्ट्रेट के पास जाने का अधिकार होगा, लेकिन इससे जम्मू-कश्मीर को अलग रखा गया है।
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