दादरी के विधायक महेन्द्र सिंह भाटी के दुस्साहसिक हत्या कांड में दोषी करार दिए जा चुके बाहुबलि व धनबलि के नाम से कुख्यात पूर्व सांसद डीपी यादव ने सोमवार को देहरादून के सीबीआई न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया। न्यायालय ने हिरासत में जेल भेज दिया। मंगलवार को इस प्रकरण में सजा सुनाई जायेगी।
उल्लेखनीय है कि महेंद्र सिंह भाटी की 13 सितंबर 1992 को दुस्साहसिक अंदाज़ में हत्या कर दी गई थी। गाजियाबाद क्षेत्र के भंगेल रोड पर विधायक महेंद्र सिंह भाटी अपने समर्थकों के साथ बंद फाटक के खुलने का इंतजार कर रहे थे, तभी एक वाहन में सवार हथियारबंद बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे महेंद्र सिंह भाटी व उनके साथी उदय प्रकाश की मौत हो गई थी व कई अन्य घायल हुए थे। इस चर्चित हत्या कांड की सीबीआई जांच हुई और कुख्यात डीपी यादव सहित आठ लोग आरोपी बनाये गये। सीबीआई न्यायालय ने 28 फरवरी को डीपी यादव समेत चार लोगों को दोषी करार दिया था। डीपी यादव अस्वस्थ होने के कारण उस दिन न्यायालय में पेश नहीं हो पाये थे, लेकिन न्यायालय ने उन्हें पेश होने के लिए सोमवार तक का समय दिया था।
न्यायालय के आदेश के चलते डीपी यादव सोमवार सुबह साढ़े दस बजे के करीब तीन एम्बुलेंस के साथ न्यायालय में पहुंचे। स्पेशल जज अमित कुमार सिरोई की अदालत में पेश हुए, तो आत्म समर्पण के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर न्यायालय ने डीपी यादव को जेल भेज दिया।
डीपी यादव की ओर से न्यायालय में तीन प्रार्थना पत्र दिए गये, जिनमें कहा गया कि उनका इलाज चल रहा है, इसलिए जेल में दवा ले जाने की अनुमति दी जाये। पूर्व सांसद होने के कारण उन्हें जेल में अलग बैरक व विशेष सुरक्षा दी जाये और हवालात में न भेज कर सीधे जेल भेजा जाए। न्यायालय ने तीनों प्रार्थना पत्रों को स्वीकार कर लिया। बता दें कि दोषी करार दिये जा चुके करन यादव, प्रनीत भाटी और पाल सिंह उर्फ लक्कड़पाला पहले से जेल में बंद हैं। इस चर्चित हत्या कांड में 22 साल बाद निर्णय आने वाला है, इसके बावजूद लोगों की नजर अदालत के आदेश पर टिकी हुई हैं।