बदायूं की पुलिस ने एक और सनसनीखेज कारनामा कर दिखाया है। जी हाँ, चाकू बरामद दिखा कर हत्यारे को जेल भेज दिया और लाश को लावारिश बता कर मोर्चरी में रखवा दिया। लाश मिलने की खबर पढ़ कर परिजन देखने आये, तब खुलासा हुआ। पुलिस अब स्वयं को बचाने में जुट गई है।
सनसनीखेज वारदात बदायूं जिले में स्थित बिसौली कोतवाली क्षेत्र की है। बताते हैं कि कुंवरगाँव थाना क्षेत्र के गाँव हरहरपुर निवासी प्यारे लाल (40) ने गाँव के ही अपने मित्र का खेत खरीद लिया, वह अपने मित्र और एक गाँव धर्मपुर के युवक के साथ बाइक द्वारा 6 सितंबर को बैनामा कराने के लिए गया, उसके पास 2 लाख 80 हजार रूपये भी थे।
बताते हैं कि दोनों साथी प्यारे लाल को बिसौली क्षेत्र में ले गये, जहाँ एक ढाबे के निकट उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। घटना को ढाबे के मालिक ने भी देखा। बताते हैं कि घटना को अंजाम देकर दोनों भाग गये, लेकिन एक व्यक्ति का कपड़ा छूट गया, तो वह पुनः घटना स्थल पर आया, उसे ढाबे के मालिक ने साथियों की मदद से पकड़ लिया और फिर पुलिस बुला ली।
बताते हैं कि पुलिस ने नकदी छीन ली और पकड़े गये व्यक्ति को चाकू के साथ जेल भेज दिया, साथ ही प्यारे लाल की लाश को लावारिश दर्शा कर मोर्चरी में रखवा दिया। शव मिलने की खबर अखबारों में छपी, तो परिजन देखने आये, उन्होंने को लाश पहचान ली, जिसके बाद सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ।
असलियत में बदायूं में कप्तान बदलते रहते हैं, लेकिन एसओ और सिपाही नहीं बदलते, इसलिए व्यवस्था भी नहीं बदलती। सौमित्र यादव के कार्यकाल में पुलिस बेलगाम थी। तेजतर्रार सुनील कुमार सक्सेना के आने के बाद कुछ सुधार हुआ, गलत काम करने वाले लोगों और पुलिस में भी डर का भाव पैदा हुआ, लेकिन अब उसी ढर्रे पर पुलिस लौट आई है। व्यवस्था सुधारने के लिए लापरवाह एसओ और बदनाम सिपाही हटाने ही होंगे, वरना सुधार की कल्पना भी नहीं करनी चाहिए।
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