बदायूं जिला न्यायालय की शासकीय अधिवक्ता साधना शर्मा की मृत्यु के प्रकरण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। साधना शर्मा के असली हत्यारों को खोजने वाली पुलिस बधाई की पात्र है। हत्या में प्रयुक्त की गई गाड़ी पुलिस ने बरामद कर ली है, साथ ही घटना में संलिप्त कई लोग हिरासत में ले लिए हैं। संभवता शुक्रवार को पुलिस पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर देगी।
उल्लेखनीय है कि उझानी कोतवाली क्षेत्र में जिरौलिया फाटक के नजदीक शासकीय अधिवक्ता साधना शर्मा की स्कूटी और कार की 23 मई की शाम को आमने-सामने से टक्कर हो गई थी, जिसमें साधना शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और उपचार हेतु जिला मुख्यालय लाते समय उनका निधन हो गया था।
उक्त प्रकरण में साधना शर्मा की बहन विपर्णा गौड़ ने अगले दिन पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर सहित उझानी निवासी देवेन्द्र नाथ शर्मा, कमल शर्मा, सुधांशु शर्मा, भूरे शर्मा और श्रवण गुप्ता के विरुद्ध उझानी कोतवाली में धारा- 504, 506 323, 304 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था।
माना जा रहा था कि साधना शर्मा सड़क हादसे का ही शिकार हुई थीं, लेकिन ज्योति अपहरण और बलात्कार कांड के आरोपी योगेन्द्र सागर के मुकदमे की पैरवी से जोड़ कर मुकदमा दर्ज करा दिया गया था, पर पुलिस की विवेचना आगे बढ़ी, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आने लगे। घटना स्वतः नहीं हुई थी, बल्कि घटना को इरादे से अंजाम दिया गया था, यह जान कर पुलिस भी स्तब्ध रह गई और फिर गंभीरता से घटना को अंजाम देने वालों की खोजबीन करने लगी। पुलिस सफल रही और उसने घटना में प्रयुक्त की गई कार बरामद करते हुए चालक हिरासत में ले लिया, जिसने पूछताछ में घटना को अंजाम देना स्वीकार कर लिया।
चालक के खुलासे पर पुलिस ने डीआरडीए का एक कर्मचारी भी हिरासत में ले लिया, जिसने और भी चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। सूत्र का कहना है कि साधना शर्मा की फिल्मी अंदाज में हत्या की गई थी। सूत्र का यह भी कहना है कि हत्या नकदी और संपत्ति हड़पने के उददेश्य से की गई है। घटना का मुख्य रचनाकार अभी फरार बताया जा रहा है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। हालाँकि पुलिस अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है और न ही उक्त घटनाक्रम की पुष्टि कर रही है। पुलिस पूरे मामले का शुक्रवार को खुलासा कर सकती है, जो चौंकाने वाला होगा।
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