उत्तर प्रदेश शासन ने आपत्तियों की समीक्षा के बाद नगर पंचायतों और नगर पालिका परिषदों की फाइनल सूची जारी कर दी है। परिसीमन को लेकर चल रही अफवाहों पर अब पूरी तरह रोक लग जायेगी। संभावित प्रत्याशी भी अब तक चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस की स्थिति में थे।
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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शासन ने अनन्तिम सूची कर दी थी, जिसके बाद आपत्तियां मांगी गई थीं, इस बीच 21 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश शासन के नाम से एक फर्जी शासनादेश वायरल कर दिया गया था, जिसमें 30 नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष पदों के आरक्षण में बदलाव का दावा किया गया था, इस फर्जी सूची में बरेली मंडल की भी कई नगर पालिका परिषदें दर्शाई गई थीं। बदायूं नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष पद सामान्य था, जिसे फर्जी पत्र में अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित दर्शा दिया गया था, इसी तरह शाहजहाँपुर और पीलीभीत में आरक्षण बदलने का दावा किया गया था, इस फर्जी पत्र के वायरल होते ही प्रदेश भर की राजनीति में भूचाल आ गया था। चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे संभावित प्रत्याशी मायूस हो उठे थे, वहीं नये-नये चेहरे सामने आ गये थे, तब से तमाम तरह की अफवाहें निरंतर चल रही थीं।
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उत्तर प्रदेश शासन ने देर रात आपत्तियों का निस्तारण कर दिया और अंतिम सूची भी जारी कर दी, इस सूची के बाद अब अफवाहें थम जायेंगी और संभावित प्रत्याशी चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुट जायेंगे। अंतिम सूची पर संभावित प्रत्याशियों के साथ आम जनता की भी नजरें गढ़ी हुई थीं।
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