बदायूं नगर पालिका में ईओ के रूप में तैनात की गई निशा मिश्रा प्रशासक बनते ही महारानियों सा व्यवहार करने लगी है। कार्यालय में प्रतिदिन नहीं आती। कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्यप्रणाली पर उनका ध्यान नहीं है और न ही वित्तीय धांधली रोक पा रही है, जिससे शहर के हालात और भी बुरे होते जा रहे हैं।
बताते हैं कि पालिकाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक बनने वाली निशा मिश्रा का आवास बरेली में हैं, जबकि प्रशासक के लिए शासनादेश है कि उसे हर समय मुख्यालय पर ही रहना होगा। बरेली से निशा मिश्रा कभी-कभी आती है, जिससे कर्मचारी पूरी तरह लापरवाह हो गये हैं। बताते हैं कि नगर पालिका की ओर से ईओ को मिलने वाली गाड़ी निशा मिश्रा बरेली में ही रखती है। शासन ने निर्देश दिया है कि गाड़ियों से उत्तर प्रदेश सरकार मिटा दिया जाये, लेकिन निशा मिश्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ गाड़ी पर मजिस्ट्रेट भी लिखा लिया है, जो कि शासनादेश का खुला उल्लंघन है।
इसके अलावा भारत कंस्ट्रक्शन के द्वारा सफाई कर्मियों को रखा गया है। सूत्रों का कहना है कि लगभग 160 कर्मियों का वेतन कंपनी के खाते में दिया जाता है, जिसके बाद कंपनी कर्मचारियों को वेतन देती है, लेकिन भारत कंस्ट्रक्शन द्वारा किसी कर्मचारी को चेक से वेतन नहीं दिया जाता, जबकि स्पष्ट शासनादेश है कि संविदा कर्मियों को चेक से ही वेतन दिया जाये। बताया जाता है कि पालिका कर्मियों की मिलीभगत से भारत कंस्ट्रक्शन ने कर्मचारियों की फर्जी सूची बना रखी है, जिनके नाम पर लाखों रुपया महीना हजम किया जा रहा है, लेकिन प्रशासक निशा मिश्रा का इस ओर भी ध्यान नहीं है।
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