बदायूं के अफसरों को भाजपा सरकार और तेजतर्रार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का भय बिल्कुल नहीं है, तभी जिले में चौदहवें वित्त आयोग का धन हजम करने का षड्यंत्र चल रहा है। अध्यक्षों का कार्यकाल रहते कार्य योजना पास नहीं की गई और अब ई-टेंडर अनिवार्य होने के बावजूद निविदायें कार्यालय में आमंत्रित की जा रही हैं, जिससे स्पष्ट है कि प्रशासनिक अफसर बड़ा घोटाला करने का प्रयास कर रहे हैं।
बदायूं जिले की समस्त नगर निकायों ने समय से चौदहवें वित्त आयोग की कार्य योजना प्रशासन को उपलब्ध करा दी थी। अध्यक्षों के साथ जिलाधिकारी की बैठक भी हुई, जिसमें जिलाधिकारी ने कार्य योजना को शीघ्र अनुमोदित करने का आश्वासन दिया था, पर जब तक अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त नहीं हो गया, तब तक कार्य योजना अनुमोदित नहीं की गई। नगर निकायों में प्रशासकों के बैठते ही अध्यक्षों द्वारा प्रस्तावित की गई कार्य योजना को अनुमोदित कर दिया गया।
अब चौंकाने वाली बात यह है कि शासन ने 1 सितंबर से ई-टेंडर प्रक्रिया अनिवार्य कर दी है, इसके बावजूद नगर निकायों द्वारा ऐसे अखबारों में निविदायें प्रकाशित कराई जा रही हैं, जो प्रसारित ही नहीं होते हैं, साथ ही निविदायें कार्यालय में आमंत्रित की जा रही हैं, यह सब प्रक्रिया रिकॉर्ड में पिछली तिथियों में की जा रही है, इससे स्पष्ट है कि प्रशासनिक अफसर चौदहवें वित्त आयोग का धन हजम करने का प्रयास कर रहे हैं। शासन को शीघ्र ही इस ओर ध्यान देना होगा, वरना अफसर मिल कर करोड़ों रुपया आसानी से हजम कर जायेंगे।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं, साथ ही वीडियो देखने के लिए गौतम संदेश चैनल को सबस्क्राइब कर सकते हैं)