इश्क में आदमी कुछ भी कर सकता है पर, कभी-कभी इश्क में कुछ भी करना भारी पड़ जाता है। जी हाँ, इश्क के चलते हामिद अंसारी नाम का युवा दूसरे मुल्क की सलाखों के पीछे पहुंच गया। छः वर्ष बाद हामिद अंसारी वापस आया है, जिसका सीमा पर हाथों में तिरंगा लिए खड़े परिवार ने जोरदार स्वागत किया।
सैन्य अदालत द्वारा 15 दिसंबर 2015 को सजा सुनाए जाने के बाद से 33 वर्षीय मुंबई निवासी अंसारी पेशावर केंद्रीय कारागार में बंद था। हामिद की तीन साल की सजा 15 दिसंबर, 2018 को पूरी हो गई थी लेकिन, कानूनी औपचारिकताओं के चलते हामिद की रिहाई नहीं हो पा रही थी। प्रकरण उच्च न्यायालय पहुंचा तो, गुरूवार को पेशावर उच्च न्यायालय ने संघीय सरकार को एक महीने के अंदर हामिद को स्वदेश भेजने की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था। हामिद अंसारी को मार्दन जेल से रिहा करने के बाद इस्लामाबाद भेजा गया, जहाँ से हामिद अंसारी अटारी-वाघा बॉर्डर पर पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि हामिद अंसारी को ऑन लाइन चैटिंग के दौरान एक लड़की से मोहब्बत हो गई, उससे मिलने की चाहत में वह वर्ष- 2012 में अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंच गया था तभी, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों एवं कोहाट की स्थानीय पुलिस द्वारा उसे हिरासत में ले लिया गया, जिसके बाद हामिद अंसारी लापता हो गया था, उसकी मां फौजिया अंसारी द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई, जिसके जवाब में उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि वह पाकिस्तानी सेना की हिरासत में है और एक सैन्य अदालत में उस पर मुकदमा चलाया जा रहा है।
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