सांसद मेनका गांधी की निधि से कराये गये विकास कार्यों में हुए घपलों की जाँच शुरू हो गई है। दो सदस्यीय टीम कार्यों की गुणवत्ता और रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है। जाँच में घपला सिद्ध हुआ, तो कई बड़े अफसर भी लपेटे में आ सकते हैं, जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
पिछली बार आंवला लोकसभा क्षेत्र से मेनका गांधी सांसद थीं। बदायूं जिले का दातागंज विधान सभा क्षेत्र आंवला लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। सांसद रहते हुए मेनका गांधी ने गाँव मलूकपुर, दियोनी, कोनका नगला, बुधपुरा, तिलगापुर, नगलाशर्की, खुटिया, सुखौरा, रुकुमपुर, मोहम्मद, हजरतपुर और आकट में विभिन्न विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव दिए थे, जिनके निर्माण के लिए उनकी निधि से 151.788 करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिए गये। कार्यदायी संस्था आरईएस बनाई गई और 136.959 करोड़ रूपये प्रथम किश्त के रूप में अवमुक्त कर दिए गये, इस बीच विकास कार्यों में खामियों की शासन स्तर पर शिकायत हुई, तो ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त ने दो सदस्यीय जाँच समिति गठित कर दी।
ग्राम्य विकास विभाग की टीएसी टीम के रूप में संयुक्त आयुक्त शंकर लाल त्रिपाठी और बरेली के प्राविधिक निरीक्षक अजय कौशिक बदायूं पहुंच गये हैं, जो बिंदुवार जाँच कर रहे हैं। टीएसी द्वारा की जा रही जाँच के कारण संबंधित विभागों के जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहे हैं कि जाँच सही दिशा में आगे बढ़ती रही, तो कईयों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।
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