बदायूं लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित समूची सरकार को दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को लेकर कठघरे में खड़ा कर लिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के हित में बात न करने पर 2019 में चुनाव न जीत पाने की भाजपा के 73 सांसदों को चेतावनी भी दे दी।
लोकसभा में बोलते हुए सांसद धर्मेन्द्र ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के 22 करोड़ लोगों की भावनाओं को भारत सरकार तक पहुंचाना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास के लिए मुख्यमंत्री प्रयासरत हैं, वे निरंतर विकास कर रहे हैं, साथ ही हिस्सा और अपना हक मांगने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री सहित अन्य तमाम मंत्रियों को सौ से अधिक पत्र लिखे हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि पत्रों का जवाब तक नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा के लिए 3585 करोड़ मांगे, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। स्कूल के रसोइयों का वेतन बढ़ाने, पेयजल, बुंदेलखंड और विंध क्षेत्र के साथ प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री ने 2360 करोड़ मांगे हैं। अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए 1425 करोड़ मांगे हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि रेल, सड़क, बिजली सहित अन्य तमाम योजनाओं से संबंधित उत्तर प्रदेश का 60, 000 करोड़ रुपया केंद्र सरकार पर बकाया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कि भाजपा के उत्तर प्रदेश से 73 सांसद आये हैं, जो विकास में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए 2019 के चुनाव में जीत नहीं पायेंगे।
उन्होंने समाजवादी पार्टी और नेता जी (मुलायम सिंह यादव) को दलितों का हितैषी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अब दलितों के उत्पीड़न पर जवाब दिया है, लेकिन वे दादरी की घटना पर नहीं बोले। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ किसी के भी साथ अन्याय नहीं होना चाहिए, पर सत्ता पक्ष के लोग 85% लोगों के अन्याय पर मौन हैं, यह न जाने कौन सा समृद्ध भारत बनाना चाहते हैं?