बदायूं में एक भ्रष्ट स्टाफ नर्स ने मुंह काला कर समूची व्यवस्था को न सिर्फ खुलेआम सड़क पर घुमा दिया, बल्कि व्यवस्था के मुंह पर जूते भी मार दिए, जिससे जच्चा ने दम तोड़ दिया, लेकिन व्यवस्था जच्चा की मौत पर रोने तक को तैयार नहीं है। हाहाकार मचा हुआ है और जच्चा के परिजन भ्रष्ट नर्स के विरुद्ध कार्रवाई कराने की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले के कस्बा अलापुर में शुक्रवार शाम करीब छः बजे मोहल्ला नंबर- एक के एक गरीब ब्राह्मण की गर्भवती महिला को बच्चे को जन्म देने में परेशानी हुई और वह मरणासन्न हो गई, तो घबराये परिजन उसे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर ले गये, जहां स्टाफ नर्स मीरा ने एक हजार रूपये की मांग की।
बताते हैं कि गरीब परिजन हजार रूपये नहीं दे पाये, तो नर्स ने दर्द से चीखती महिला को हाथ तक नहीं लगाया और न ही बिस्तर दिया, जिससे जमीन पर तड़पते और चीखते हुए महिला ने किसी तरह बच्चे को जन्म दे दिया, लेकिन तब तक खून इतना बह गया कि वह बच्चे को जन्म देते ही बेहोश हो गई, इसके बावजूद नर्स को रहम नहीं आया।
बताते हैं कि डॉक्टर अस्पताल में था ही नहीं। पूरी व्यवस्था नर्स के हाथों में ही थी और उसने भी कोई मदद नहीं की। प्राथमिक उपचार भले ही न करती, सिर्फ एंबुलेंस मंगवा कर मुख्यालय ही भेज देती, तो महिला की जान बच सकती थी। अत्यधिक रक्तस्राव के चलते महिला ने रात में ही किसी समय दम तोड़ दिया। बच्चे की हालत भी नाजुक बनी हुई है। परिजन हाहाकार कर रहे हैं और स्वास्थ्य केंद्र के सामने ही शव के साथ जमे हुए हैं, उनकी मांग है कि नर्स के विरुद्ध कार्रवाई की जाये।
जिस गर्भवती महिला की चीखों से दीवारें तक हिल गईं, उसकी चीखों का असर नर्स पर नहीं हुआ, लेकिन मृत्यु के बाद नर्स ने पुलिस बुलवाने में देर नहीं की। नर्स परिजनों को शव के साथ पुलिस से खदेड़वाने का प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य केंद्र पर हंगामा जारी है। जो भी सुन रहा है, वह नर्स की कार्यप्रणाली की निंदा कर रहा है।
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