आदर्श आचार संहिता के दायरे में विधान परिषद सदस्य का चुनाव कराने का आयोग और प्रशासन का दावा खोखला साबित हो रहा है। रूपये और शराब वगैरह बंटने के साथ मतदाता बंधक भी बनाये जा रहे हैं और आश्चर्य की बात यह है कि बंधक मतदाताओं की रखवाली पुलिस करती नजर आ रही हैं।
जी हाँ, बरेली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल आज कल चर्चा का विषय बना है। दुनिया भर से जैन समाज के लोग मुक्ति के लिए रामनगर में आते हैं, लेकिन आज कल यहाँ सैकड़ों मतदाता बंधक बने हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि एक मतदाता के भाई की मृत्यु हो गई, इसके बावजूद उसे मुक्त नहीं किया, साथ ही एक मतदाता के ऑपरेशन के बाद यूरिन बैग लगा हुआ है, वो भी यहाँ बंधक है। सूत्रों का कहना है घर-परिवार में आने के लिए अधिकांश मतदाता व्याकुल हैं, लेकिन उन्हें द्वार तक आने की छूट नहीं है। शराब, भोजन, मनोरंजन सहित हर साधन उन्हें अंदर ही मुहैया कराया जा रहा है। बाहर से भी अंजान व्यक्ति अंदर नहीं जा सकता। सशस्त्र निजी सुरक्षा गार्ड के साथ पुलिस के जवान भी यहाँ रखवाली करते नजर आ रहे हैं।
बताते हैं कि जैन मंदिर में आने वाले अपार श्रद्धालुओं के कारण यहाँ एक विशाल थीम पार्क बनाया गया है, जिसमें सैकड़ों लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। बदायूं विधान परिषद क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी के यहाँ का प्रबंधन संभालने वाले लोगों से संबंध हैं, तभी उसने यहाँ सैकड़ों मतदाताओं को बंधक बना दिया है, जबकि इस परिसर में कोई भी आ सकता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से परिसर आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। ध्यान देने की बात यह है कि जब पुलिस मतदाताओं की निगरानी कर रही है, तो प्रशासन को तो जानकारी है ही, साथ ही आयोग का अंग भी यही प्रशासन है, तो आदर्श आचार संहिता का पालन कैसे हो सकता है?
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मतदाताओं को रूपये दे रहे हैं भाजपा प्रत्याशी जितेन्द्र यादव