बदायूं जिले के सहसवान विधान सभा क्षेत्र से विधायक बनने का सपना देख रहे डीपी यादव एक बार फिर कानूनी शिकंजे में फंसते दिखाई दे रहे हैं। पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक डीपी यादव, कुनाल यादव, भारत सिंह और पूर्व विधायक विजय यादव सहित छः लोगों पर धोखाधड़ी, अपहरण और रंगदारी मांगने के साथ अन्य कई धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
मुरादाबाद जिले के मझोला थाना क्षेत्र में स्थित इलेविन ऑर्चिड निवासी अनिल तोमर के प्रार्थना पत्र पर थाना सिविल लाइंस में गाजियाबाद के न्यू राज नगर निवासी पूर्व राज्य सभा सांसद, पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री डीपी यादव, ठाकुरद्वारा के सरकाड़ा करीम निवासी एवं ठाकुरद्वारा विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक विजय यादव, दिल्ली बसंत विहार निवासी कुनाल यादव, गाजियाबाद के जगदीश नगर निवासी जितेंद्र कुमार उर्फ बिल्लू, गाजियाबाद के राज नगर निवासी भारत सिंह और बुलंदशहर के पुराना रोडवेज निवासी हरिओम शर्मा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है।
अनिल तोमर का कहना है कि हरिओम शर्मा ने 2017 तक स्वदेशी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा प्रायोजित इलेविन ऑर्चिड के कार्यलय में एकाउंटेंट के पद पर काम किया। 2014 में इलेविन बिल्डकोम कंपनी के अलग हो जाने के बावजूद भी चेकबुक से चेक चोरी कर फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न नामों से आरटीजीएस कराकर धोखाधड़ी की। आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर वीरपाल और पीड़ित के फर्जी हस्ताक्षर कराकर जमीन के बैनामे बंधक रखकर ऋण प्राप्त कर लिया।
जानकारी होने पर पीड़ित ने कार्रवाई की, जिसके बाद उसे धमकी दी गई कि कार्रवाई वापस नहीं ली तो, अंजाम बुरा होगा। 17 अक्तूबर 2021 को शाम करीब साढ़े चार बजे पीड़ित सिविल लाइंस क्षेत्र से गुजर रहा था। कमिश्नर आवास के पास कार सवार हथियार बंद लोगों ने पीड़ित को अगवा कर लिया। आरोप है इसी दौरान विजय यादव ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से डीपी यादव से बात कराई। डीपी यादव ने कहा कि तुमने दस करोड़ की मांग पूरी नहीं की है। दिवाली से पहले रुपये पहुंचा दो वरना, मेरे लोग तुम्हे मार देंगे। मैं भी जेल से बाहर आ गया हूँ। आरोप है कि इसके बाद विजय यादव कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराकर चले गए।
पीड़ित अनिल तोमर ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी। न्यायालय के आदेश पर थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज हो गया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। यह भी बता दें कि डीपी यादव को महेंद्र भाटी हत्या कांड में सीबीआई न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा हुई थी लेकिन, हाल ही में उन्हें हाईकोर्ट द्वारा दोष मुक्त किया गया है, ऐसे में उक्त मुकदमा उन पर भारी पड़ सकता है।
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