बदायूं के जिलाधिकारी पवन कुमार फुल फॉर्म में चल रहे हैं, उनके निशाने पर आज सीएमओ सहित कई अफसर आ गये, जिन्हें जून की तपती दोपहरी जैसा अहसास करा दिया। ग्रामीण अंचलों में साफ-सफाई के लिए 75 लाख रुपए के फंड की उपलब्धता के सापेक्ष मात्र तीस लाख रुपए ही खर्च होने पर जिलाधिकारी पवन कुमार ने सीएमओ डॉ. नेमी चन्द्रा से कारण जानना चाहा, तो उन्होंने तर्क दिया कि ग्राम प्रधान एवं एएनएम के संयुक्त बैंक खाते न खुल पाने के कारण धनराशि व्यय नहीं हो पा रही है। डीएम ने फिर प्रश्न किया कि किस ग्राम पंचायत के प्रधान और एएनएम इस कार्य में सहयोग नहीं कर रहे हैं, तो सीएमओ बगले झाँकने लगे, इस पर डीएम ने सीएमओ को जमकर लताड़ा।
शुक्रवार को विकास भवन स्थित सभाकक्ष में जिलाधिकारी पवन कुमार ने विकास कार्यों की मासिक समीक्षा की। टीकाकरण अभियान में प्रदेश स्तर पर डी ग्रेड होने पर डीएम ने प्रभारी अधिकारी की बैठक में उपस्थिति के सम्बंध में सीएमओ से जानकारी ली, तो उनके अनुपस्थित पाए जाने पर डीएम ने घोर अप्रसन्नता जताई और टीकाकरण प्रभारी डॉ. हरदत्त का वेतन काटने के निर्देश दिए। डीएम ने 12 वर्ष आयु तक के बच्चों के पंजीकरण के सम्बंध में सीएमओ से जानकारी ली, तो वह पंजीकृत बच्चों का प्रतिशत भी नहीं बता सके। आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण की समीक्षा के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी निर्मला शर्मा भी बिना स्वीकृति के अवकाश पर बताई गईं। डीएम ने इनका भी वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश स्तर पर कौशल विकास मिशन की सी श्रेणी होने पर डीएम ने सम्बंधित अधिकारी को लिखित चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। 726 नए हैण्डपम्पों की स्थापना के सापेक्ष 517 ही लगाए जाने तथा पेयजल पाइप लाइन योजना अन्तर्गत डी श्रेणी होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की। बीडीओ म्याऊँ और जिला विकास अधिकारी की कार्य प्रणाली पर भी डीएम ने कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने अधूरे सेतु को पूर्ण कराने की समीक्षा के दौरान पाया कि मुढ़ा फरीदपुर रामगंगा पर बनाए जा रहे सेतु को मार्च 2019 तक पूर्ण किया जाना है। डीएम ने प्रधानमंत्री एवं लोहिया आवास योजना सहित अन्य तमाम विकास कार्यां की गहन समीक्षा की। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अच्छे लाल सिंह यादव, उप जिलाधिकारी दातागंज रणविजय सिंह सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।