बदायूं जिले में होने वाले विधान परिषद सदस्य के उप-चुनाव को लेकर भाजपा में स्थिति साफ होने लगी है। कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने यहाँ से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। क्षेत्रीय अध्यक्ष बीएल वर्मा टिकट नहीं मांग रहे, इसलिए अब जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य को टिकट मिलने की संभावनायें प्रबल हो गई हैं। कार्यकर्ताओं से ली गई रिपोर्ट के अनुसार हाईकमान भी हरीश शाक्य के नाम पर सहमत बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के स्तंभ कहे जाने वाले बनवारी सिंह यादव असमय ही चले गये थे, वे विधान परिषद सदस्य थे, उनके निधन से यहाँ स्थान रिक्त हो गया। विधान परिषद सदस्य के उप-चुनाव को लेकर अंदर ही अंदर राजनैतिक दलों में गोटियाँ बैठाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रजा किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसलिए स्थानीय पदाधिकारियों ने बड़े नेताओं को आमंत्रित करने का प्रयास किया। गौतम संदेश ने परिवहन व वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के चुनाव लड़ने की खबर प्रकाशित की, जिसे पढ़ने के बाद उन्होंने स्थानीय पदाधिकारियों से स्पष्ट मना कर दिया कि वे बदायूं से चुनाव नहीं लड़ेंगे। स्वतंत्र देव सिंह के मना करते ही स्थानीय नेता पुनः सक्रिय हो गये।
सूत्रों का कहना है कि क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष बीएल वर्मा मौन हैं, वे टिकट नहीं मांग रहे हैं, वहीं कार्यकर्ताओं की पहली पसंद जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य हैं। हालाँकि टिकट हरीश शाक्य भी नहीं मांग रहे हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप प्रांतीय नेतृत्व हरीश शाक्य को ही चुनाव लड़ाने का मन बना चुका है। हालाँकि कुछेक लोग जितेन्द्र यादव के भी पक्ष में बताये जा रहे हैं, पर जितेन्द्र यादव के समर्थक मूल रूप से भाजपाई नहीं हैं, जिससे उनकी राय को संगठन में अहमियत नहीं दी जाती।
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