बदायूं विधान सभा क्षेत्र के दबंग विधायक आबिद रजा की गुंडई से जनता त्रस्त थी। अति होने पर समाजवादी पार्टी ने आबिद रजा को निष्कासित तो कर दिया, लेकिन पीड़ित लोगों को अब भी न्याय नहीं मिल पा रहा है। आबिद रजा के हाथ से सत्ता की लाठी छिनने के बाद कुछ पीड़ित खुल कर सामने आ गये हैं और पुलिस में शिकायत दर्ज कराना चाह रहे हैं, लेकिन पुलिस अब भी डरी-सहमी नजर आ रही है, तभी आबिद रजा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं कर रही, जिससे पीड़ित का व्यवस्था से ही विश्वास उठता जा रहा है।
जी हाँ, जो लोग पहले कथित आदर्शवादी आबिद रजा से त्रस्त थे, वही लोग अब पुलिस की कार्यप्रणाली से व्यथित नजर आ रहे हैं। बिनावर थाना क्षेत्र के गाँव कुतुबपुर थरा निवासी कृषक निहालुद्दीन पुत्र फखरुद्दीन का आरोप है कि उसके पुत्र पप्पू के विरुद्ध एक झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। मुकदमे से बेटे को बचाने के लिए वह अपने बेटे व भतीजे के साथ विधायक आबिद रजा के घर पर गया और मदद करने की गुहार लगाई, इस पर आबिद रजा और उनके पीए अजहर ने उससे पच्चीस लाख रूपये यह कह कर मांगे कि पार्टी फंड में जमा कराने होंगे, जिसके बाद वह उसके बेटे को मुकदमे से बचवा देंगे।
पीड़ित का आरोप है कि आबिद रजा और अजहर ने उसके बेटे पप्पू को कमरे में बंद कर दिया और कहा कि पच्चीस लाख रूपये लेकर आओ, साथ ही धमकी दी कि किसी को बताया, तो भी पप्पू को जान से मार देंगे। पीड़ित का कहना है कि बेटियों की शादी के लिए उसने कुछ रूपये जमा कर रखे थे एवं कुछ कर्ज लिया और वह भतीजे इशहाक के साथ 28 नवंबर 2014 को रूपये लेकर आबिद रजा के घर पर पहुंच गया। आरोप है कि बीस लाख रूपये आबिद रजा ने लिए और पांच लाख रूपये उन्होंने अजहर को दिलवा दिए, रूपये लेने के बाद पप्पू को छोड़ते हुए कहा कि अब मुकदमे से इसका नाम निकल जायेगा।
आरोप है कि बेटे का नाम मुकदमे से नहीं निकला, साथ ही पुलिस गिरफ्तार करने का दबाव बनाने लगी, तो 11 दिसंबर 2014 को बेटे को न्यायालय में हाजिर करा दिया, जिसकी बाद में जमानत हो गई, इसके बाद वह अपने रूपये मांगने गया, तो आबिद रजा और अजहर टालते रहे। आरोप है कि 16 मई 2015 को वह पुनः रूपये मांगने गया, तो आबिद रजा और अजहर उसे गालियाँ देने लगे, विरोध किया, तो पीटने लगे एवं अजहर ने रिवाल्वर तान कर कहा कि इधर फिर आया, तो जान से मार देंगे, तब से पीड़ित दहशत में है। आबिद रजा और उनके पीए अजहर की दबंगई के चलते वह अब तक चुप रहा।
पीड़ित ने सदर कोतवाली में उक्त दोनों के विरुद्ध तहरीर दी, तो पुलिस मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं है, क्योंकि सपा से आबिद रजा के निष्कासित होने के बाद पुलिस को लगता है कि उस पर झूठी कार्रवाई करने का आरोप लगेगा, साथ ही पुलिस इसलिए भी डरी हुई है कि आबिद रजा की सपा में वापसी हो गई, तो और बड़ी मुश्किल होगी। पीड़ित की कोई भी मदद करने को तैयार नहीं है, जिससे उसका व्यवस्था से ही विश्वास उठता जा रहा है। यह हालात तब हैं, जब जिले में तेजतर्रार सुनील कुमार सक्सेना एसएसपी हैं और हाल ही में तेजतर्रार संत कुमार उपाध्याय को कोतवाल बनाया गया है।
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