चतुर्थ और तृतीय श्रेणी के कर्मचारी को स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस में अंतर न पता हो, तो उसकी सामाजिक रूप से बड़े स्तर पर फजीहत होगी, साथ ही उसे तत्काल निलंबित भी कर दिया जायेगा। राष्ट्रीय पर्वों के संबंध में जिसे जानकारी न हो, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी भी चाहिए, लेकिन स्वतंत्रता दिवस को गणतंत्र दिवस लिखने वाले अपर मुख्य सचिव और उप सचिव स्तर के अफसरों की कोई निंदा तक नहीं कर रहा।
जी हाँ, ऐसी ही भयानक गलती सामने आई है। 9 से 15 अगस्त के बीच खुले में शौच से आजादी सप्ताह मनाया जायेगा, इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव चंचल तिवारी ने शासनादेश संख्या- 55/2017/1612/33-3-2017-30/2017 टीसी जारी किया है। शासनादेश समस्त मंडलायुक्तों, समस्त जिलाधिकारियों, समस्त मुख्य विकास अधिकारियों, समस्त जिला पंचायत राज अधिकारियों के साथ यूपी और भारत सरकार के निदेशक और सचिव को भी भेजा गया है, इस पत्र के विषय में ही 15 अगस्त को 71वां गणतंत्र दिवस बताया गया है। पत्र के विषय में ही लिखा होता, तो मानवीय भूल कहा जा सकता था, लेकिन पत्र में नीचे भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस लिखने की जगह गणतंत्र दिवस ही लिखा गया है, इससे स्पष्ट है कि अपर मुख्य सचिव चंचल तिवारी और उप सचिव जोगेंद्र प्रसाद को स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के बीच अंतर नहीं पता।
शासनादेश एक लंबी प्रक्रिया के बाद जारी किया जाता है। जारी करने से पूर्व पत्र को कई विद्वान अफसर पढ़ते हैं, लेकिन पत्र में लिखी बड़ी गलती को किसी ने नहीं सुधारा, इससे यह भी स्पष्ट होता है कि संबंधित समस्त अफसर लापरवाह हैं, अथवा उनमें से किसी को भी राष्ट्रीय पर्वों की जानकारी नहीं है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि त्रुटि पूर्ण शासनादेश वेबसाईट पर भी अपलोड कर दिया गया है और इसे अभी तक किसी ने संज्ञान में नहीं लिया है।
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