उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री पत्रकारों के विरुद्ध खड़े हो गये हैं। मंत्री ने हिन्दुस्तान अखबार के पक्ष में फोन कर डीएलसी पर दबाव बनाने का प्रयास किया, तो डीएलसी ने नियमों के विरुद्ध मदद करने से स्पष्ट मना कर दिया, जिससे मंत्री की बड़ी फजीहत हो रही है।
जी हाँ, प्रकरण बरेली का है, मजीठिया बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार वेतन व एरियर न मिलने की बरेली स्थित हिन्दुस्तान से चीफ कॉपी एडिटर सुनील कुमार मिश्रा, सीनियर सब-एडिटर रवि श्रीवास्तव, सीनियर सब-एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, पेजिनेटर अजय कौशिक अखबार से जंग लड़ रहे हैं। डीएलसी प्रकरण की सुनवाई कर रहे हैं, जो हिन्दुस्तान प्रबंधन को चेतावनी दे चुके हैं, जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
पत्रकार और डीएलसी दबाव में नहीं आये, तो हिन्दुस्तान प्रबंधन राजनैतिक दबाव बनवाने लगा है। सूत्रों का कहना है की उत्तर प्रदेश सरकार में बरेली जिले के एक मंत्री ने फोन पर रौब दिखाते हुए डीएलसी को दबाव में लेने का प्रयास किया और सवाल किया कि हिन्दुस्तान के विरुद्ध नोटिस जारी क्यों किया?, इस पर डीएलसी ने मंत्री को स्पष्ट जवाब दे दिया कि वे अखबार की नियम से हट कर मदद नहीं कर पायेंगे, यह सुन कर मंत्री ने फोन काट दिया, जिससे मंत्री की बड़ी फजीहत हो रही है। यहाँ यह भी बता दें कि हिन्दुस्तान ने कर्मचारियों का क्लेम नहीं दिया, तो डीएलसी हिन्दुस्तान के विरुद्ध आरसी जारी कर सकते हैं।
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