बदायूं जिले की पुलिस भी सक्रिय नजर आने लगी है। उघैती पुलिस तो गुंडों और माफियाओं के पीछे ही पड़ गई है। अवैध खनन करने वालों की ओर कोई देख भी नहीं सकता, लेकिन एसओ ने बुधवार को रौंद दिया और ट्रैक्टर-ट्रॉली जब्त कर लिए, जिससे हड़कंप मचा हुआ है।
उघैती थाना क्षेत्र में भट्टे वालों का आतंक है। राजनैतिक पहुंच के बल पर कहीं भी खुदाई शुरू कर देते हैं, लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही पुलिस माफियाओं के पीछे पड़ गई। बताते हैं कि सुबह किसी ने पुलिस को सूचित कर दिया, तभी गाँव खंडुआ से गुजरते समय पुलिस ने 11 ट्रैक्टर-ट्रॉली पकड़ लिए। ड्राईवर-हेल्पर भी पकड़े गये हैं। पुलिस की कार्रवाई से माफियाओं में हड़कंप मच गया है, लेकिन जनता वाह-वाह करती नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि उघैती थाना क्षेत्र के गाँव कोठा निवासी एक महिला 14 फरवरी 2017 को गैंग रेप की शिकार हुई थी, लेकिन तत्कालीन एसओ प्रदीप यादव और तत्कालीन दारोगा कमल यादव ने पीड़ित महिला के परिजनों को ही आरोपी बना दिया। पीड़ित बरेली रेंज के डीआईजी आशुतोष कुमार के समक्ष पेश हुई, तो उन्होंने प्रकरण की जाँच सहसवान क्षेत्र के सीओ श्योराज सिंह से जाँच कराई। जाँच में एसओ प्रदीप यादव और कमल यादव प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये, जिसकी आख्या सीओ ने डीआईजी को भेज दी। डीआईजी ने प्रदीप यादव और कमल यादव को 16 मार्च को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद एसएसपी ने उघैती के थानाध्यक्ष का दायित्व नरेश कश्यप को दिया था।
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उघैती पुलिस ने जब्त किये 11 ट्रैक्टर-ट्रॉली, खनन माफियाओं में हड़कंप