बदायूं जनपद में अवैध पशु वधशालाओं पर छापामारी करने तथा उन्हें सीज़ करने हेतु अलग-अलग क्षेत्रों में पांच-पांच सदस्यीय टीमों का गठन किया गया है। जिले में कोई भी पशु वधशाला वैध नहीं है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में नौ स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां पूर्व में स्लाटर हाउस स्थापित थे। नामित टीमें मौके पर जाकर वास्तविक स्थिति का स्थलीय निरीक्षण करेंगी और अवैध रूप से संचालित होने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से सीज़ किया जाएगा, ऐसा दावा जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, लेकिन जमीन पर अभी तक कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।
शुक्रवार को सांयकाल कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में मुख्य विकास अधिकारी/प्रभारी जिलाधिकारी अच्छे लाल सिंह यादव ने पुलिस अधिकारियों सहित अन्य सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि शासन की मंशा के अनुरूप किसी भी दशा में अवैध स्लाटर हाउस में पशुओं का वध नहीं होना चाहिए। दुकानों पर मांस बिक्री हेतु लाइसेंस लेकर ही मांस की बिक्री की जा सकेगी। निश्चित मानक पूरे होने पर ही दुकानों पर मांस बिक्री हेतु लाइसेंस निर्गत हो सकेगा। प्रभारी जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, एसपी सिटी अनिल कुमार यादव, एसपी आरए संजय राय सहित सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों, स्थानीय निकाय के अधिशासी अधिकारियों, खाद्य विभाग, विद्युत, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियां के साथ बैठक की। अवैध रूप से मांस की बिक्री तथा पशु वधशालाओं पर रोक लगाने हेतु सीओ, एसडीएम, स्थानीय निकाय के अधिकारी, खाद्य विभाग के निरीक्षक तथा पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीमें बनाई गई हैं। प्रभारी डीएम ने 28 मार्च से 04 अप्रैल के मध्य नवरात्रों पर शान्ति एवं कानून व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए साफ-सफाई के साथ ही पेय जल एवं प्रकाश व्यवस्था को सुदृढ़ रखने के निर्देश देते हुए विद्युत विभाग के अभियंताओं से कहा कि विद्युत आपूर्ति सहित लाइन हानियों को दुरुस्त करा लें।
नवरात्र के मध्य स्थानीय निकाय के अधिकारी सफाई के साथ ही चूने का भी मंदिरों के आसपास नियमित रूप से छिड़काव करायें। उन्होंने सभी सीओ और एसडीएम को हिदायत दी कि अपने-अपने क्षेत्रों में शान्ति समिति की बैठकें भी अनिवार्य रूप से आयोजित कर लें। इस मौके पर नगर मजिस्ट्रेट श्रीराम यादव सहित समस्त अधिकारी मौजूद रहे। यहाँ यह भी बता दें कि सिटी मजिस्ट्रेट क्षेत्र में जाते ही नहीं है। शहर के हालात जाम के चलते भयावह हो चले हैं, लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट कभी भी शहर में भ्रमण करते नजर नहीं आते, ऐसे में उनसे वधशालाओं के विरुद्ध कार्रवाई की उम्मीद भी नहीं की जा सकती।
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