मौलिक भारत ने कालेधन की समाप्ति की दिशा में उठाये गये केंद्र सरकार के कदम का स्वागत किया है, साथ ही बैंकों और डाकघरों में पुराने नोटों के बदलने में आ रही समस्याओं पर सुझाव प्रेषित किये हैं। मौलिक भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आठ सुझाव दिए हैं और तत्काल लागू किये जाने की अपेक्षा व्यक्त की है।
1- प्रमाणिक रूप से एवं मीडिया की खबरों के अनुसार अनेक लोग जिनके पास भारी मात्रा में कालाधन है, वे गरीब और मजदूरों को 20 से 25 प्रतिशत कमीशन के लालच में दिन भर अलग-अलग बैंकों के माध्यम से 4000 रुपयों की पुरानी मुद्रा को नयी मुद्रा में बदलवा रहे हें। यह पुर्णतः अवैध है और आम जनता को इसी कारण सरलता से नोट बदलना संभव हो पा रहा है। ऐसे में हमारी मांग और सुझाव है कि हर प्रकार के नकद लेनदेन करने वाले व्यक्ति की उंगलियों पर चुनावों में वोट देते समय वोटर को लगाने वाली इंक लगायी जाये, ताकि एक ही व्यक्ति अनेक बार नकद लेन-देन ना कर पाये।
2- जिस व्यक्ति का बैंक अकाउंट नहीं है, मात्र उसे ही नकद लेन-देन की इजाजत हो, साथ ही प्रत्येक नकद लेन-देन वाले व्यक्ति से शपथपत्र लिया जाये कि उसका कोई बैंक अकाउंट नहीं है।
3- बैंक कर्मचारियों द्वारा की जा रही अनियमितताओं पर नियंत्रण के लिए सामाजिक संस्थाओं और पूर्व बैंक, सैन्य और सरकारी कर्मचारियों की अवैतनिक रूप से स्वतन्त्र पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्ति की जाये तथा बैंक की सभी लेन-देन गतिविधियों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाये।
4- इस बात की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये कि किसी भी प्रकार नकली करेंसी बैंकों में न जमा हो पाये, क्योंकि अधिक ग्राहकों के दबाब में बैंक बिना जाँचे नकदी स्वीकार कर रहे हैं।
5- जनधन योजना के तहत खुले खातों में सभी प्रकार की जमाओं की निकासी पर फिलहाल रोक लगे और इनमें किसी भी प्रकार की निकासी पर्याप्त जाँच के बाद ही हो।
6- बिल्डरों, ज्वैलरों और विदेशी मुद्रा के लेन-देन पर पर्याप्त नियंत्रण और नज़र रखी जाये। इन व्यवसायों से जुड़े लोग 50 प्रतिशत तक कमीशन लेकर पुराने नोट स्वीकार कर रहे हैं।
7- अधिकांश व्यापारिक फर्मों और कंपनियों के खातों में असामान्य लेन-देन की खबरें हमारी संस्था के पास हैं। इन सभी जमाओं पर पर्याप्त नजर रखी जाये और उचित कानूनी कार्यवाही की जाये।
8- सरकार के मंत्रियों और एनडीए से जुड़े दलों के नेताओं, सांसदों और विधायकों एवं उनके परिजनों/मित्रों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी फर्मों और कंपनियों के खातों की विशेष एवं अनिवार्य जाँच के आदेश दिए जायें।