बदायूं जिले की पुलिस को लगता है कि अब मुस्लिमों के साथ कुछ भी किया जा सकता है। बारात से लौटते समय बदमाशों ने जिन मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को लूटा, पीटा, उनके साथ सहानुभूति बरतने की जगह पुलिस ने भी उन्हें बेरहमी से पीटा और हवालात में बंद कर दिया। पीड़ित बदमाशों से ज्यादा पुलिस की भूमिका से त्रस्त हैं।
घटना वजीरगंज थाना क्षेत्र की है। गाँव हतरा से सोहिल की बारात इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गाँव नसरौल गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में महिलायें भी गई थीं। निकाह और दावत के बाद बाराती लौटने लगे। दो छोटी गाड़ियों में अधिकांश महिलायें थीं, जिनमें एक गाड़ी वजीरगंज से किराये पर गई थी एवं दूसरी गाड़ी दूल्हे के बहनोई अजहर की थी, जिसे वे स्वयं चला रहे थे। हाईवे पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे कहीं-कहीं गाड़ियों की गति धीमी कर के कच्चे रास्ते पर उतरना पड़ता है। मंगला कोल्ड स्टोर से पहले टूटे रोड से जैसे ही गाड़ियाँ कच्चे रास्ते पर उतरीं, तभी चारों ओर से बदमाशों ने दोनों गाड़ियों को घेर लिया। बदमाशों ने शीशा तोड़ कर ड्राईवरों की कनपटी पर तमंचे सटा दिए, जिससे गाड़ियाँ रोकनी पड़ीं।
गाड़ियाँ रुकते ही दर्जन भर बदमाशों ने तांडव शुरू कर दिया। गाड़ियों में सवार एक-एक महिला के गहने उतरवा लिए, सभी के पर्स लूट लिए, एक मोबाइल पर लूट लिया और जमकर मारपीट भी की। 7-8 लाख के गहने और नकदी लूट कर बदमाश आसानी से फरार हो गये। करीब 12 बजे की घटना है, इस दौरान हाईवे पर दूर तक पुलिस नहीं थी। बदमाशों के जाने के तत्काल बाद पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस एक घंटे तक नहीं पहुंची। बहुत देर बाद पुलिस आई, पर बदमाशों को खोजने की जगह दोनों गाड़ियाँ और उनके ड्राईवरों को थाने ले गई, दोनों को हवालात में डाल दिया। बारी-बारी से हवालात से निकाल कर ड्राईवरों की बेरहमी से मार लगाई। दूल्हे के बहनोई की पिटाई होने से लोग आक्रोशित हैं। सुबह एसएसपी ने वजीरगंज का दौरा किया और एसओ को घटना का खुलासा करने का निर्देश दिया है, लेकिन लापरवाही और मनमानी करने वाले एसओ के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हाईवे पर लगातार हो रही वारदातों से लोग दहशत में हैं।
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