बदायूं जिले में समाजवादी पार्टी की सरकार में जितनी बड़ी घटनायें हुई थीं, उनमें से बड़ी पांच घटनायें मौर्य जाति के लोगों के साथ घटित हुई थीं। संयोग कहा जाये, या दुर्भाग्य, लेकिन सरकार बदलने के बाद भी मौर्य जाति के लोग लगातार निशाने पर हैं। फैजगंज बेहटा में जातीय संघर्ष हुआ, जिसमें मौर्य जाति के लोग ही निशाने पर आये हैं। जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य और शेखूपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक धर्मेन्द्र कुमार शाक्य “पप्पू” मौर्य जाति के दमदार नेता हैं एवं पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य भी कद्दावर नेता के रूप में मौजूद हैं, साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा उप-मुख्यमंत्री के रूप में केशव प्रसाद मौर्य भी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं, फिर भी जिले के मौर्यों पर कहर थम नहीं रहा।
फैजगंज बेहटा का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है, उससे पहले मूसाझाग थाना क्षेत्र के गाँव अंधरऊ में मौर्य जाति के लोग यादवों के निशाने पर आ गये। बताते हैं कि कादरचौक थाना क्षेत्र के गाँव सिमरिया से अंधरऊ में रविवार को बारात आई थी। गाँव के एक हिस्से में सिर्फ यादव जाति के लोग रहते हैं। लड़की पक्ष के एक व्यक्ति ने कहा कि कोई बवाल न हो और सब कुछ शांति व हंसी-खुशी से निपट जाये, इसलिए बारात अपने मोहल्ले में ही चढ़ायेंगे। पास में ही खड़े नरवीर यादव ने आपत्ति कर दी और दबाव बनाया कि बारात उनके मोहल्ले में भी जानी चाहिए। नोंक-झोंक होने पर भी लड़की पक्ष के लोग बारात यादवों की ओर ले जाने को तैयार नहीं हुए, इसी बात पर अन्य तमाम यादव चढ़ आये और बारात पर ही हमला कर दिया।
अचानक हुई लड़ाई में फायरिंग होने से भगदड़ मच गई। लाठी-डंडे चलने से दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए हैं। शादी के घर में कोहराम मच गया। पुलिस ने पहुंच कर मामला शांत कराया। लड़की पक्ष की ओर से पांच यादवों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि अब तक लड़ाई मोहल्ले में बारात लाने पर होती रही हैं, यह पहला मामला है, जो बारात लाने को लेकर बवाल हुआ है।
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