बदायूं में उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग के मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि बदायूं जिले को पर्यटक हब के रूप में विकसित करते हुए ऐतिहासिक स्थल कछला को विशेष पर्यटक स्थल घोषित कर विकास एवं सौन्दर्यीकरण कराया जाएगा। इसके अलावा छोटे-बड़े सरकार एवं सागर ताल की दरगाह सहित शकील बदायूंनी के आवास व अन्य प्रमुख स्थानों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु कार्य योजना बनाई जाएगी।
शनिवार को बदायूं जनपद में महाराणा प्रताप की जयन्ती धूूमधाम से मनाई गई। कचहरी चौराहा अब महाराणा प्रताप चौक के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश के पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह, बदायूं के लोकप्रिय सांसद धर्मेन्द्र यादव एवं शहर विधायक/उत्तर प्रदेश वक्फ विकास निगम के अध्यक्ष आबिद रज़ा ने कचहरी चौराहे पर स्थापित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अनावरण किया एवं मालवीय आवास परिसर में महाराणा प्रताप जयन्ती समारोह मनाया गया।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जनपद सूफी सन्तों, कवियों एवं शायरों की ऐतिहासिक भूमि है, यहां के प्रमुख स्थलों, जवाहरपुरी स्थित रौजा अखलाक खां, छोटे-बड़े सरकार एवं सागर ताल की दरगाह सहित शकील बदायूंनी के आवास को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के इतिहास को दृष्टिगत रखते हुए सम्पूर्ण जनपद को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। सांसद धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ग के हितार्थ विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। कृषकों को कृषि निवेश अनुदान वितरण के साथ ही समाजवादी पेंशन, मजदूरों को साईकिल वितरण एवं अन्य लाभार्थी परक योजनाओं से पात्रों को लाभान्वित किया जा रहा है। शहर विधायक/उत्तर प्रदेश वक्फ विकास निगम के अध्यक्ष आबिद रज़ा ने कहा कि अजमेर में उर्स के दौरान दूर-दूर से जायरीन आकर छोटे-बड़े सरकार एवं सागर ताल की दरगाह पर हाजिरी देते हैं, इनको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की विशेष आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब उनके संज्ञान में आया कि कचहरी चौराहे पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित किए जाने का कार्य अवशेष है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर उनके जयन्ती के अवसर पर पूरा कराया गया। अब यह स्थल महाराणा प्रताप चौक के नाम से जाना जाएगा। कार्यक्रम में भगवन्तनगर उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। समारोह में डॉ. ब्रजेश्वर सिंह सहित तमाम प्रमुख व्यक्ति मौजूद रहे। जयन्ती समारोह की अध्यक्षता राजवीर सिंह ने की।