बदायूं के तेजतर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सक्सेना के चलते पुलिस अपराधियों पर हावी हो गई है। खुलेआम हो रही गुंडा टैक्स की वसूली बंद हो गई है। सट्टे और लॉटरी के खुलेआम कार्यालय चल रहे थे, जिनमें कंप्यूटर से रसीद दी जा रही थी, ऐसे अवैध कार्यालय ज्यादातर बंद हो गये हैं। सदर कोतवाल की मदद से कुछेक स्थानों पर सट्टा अब भी लगाया जा रहा है, यह सब धंधे एक जनप्रतिनिधि द्वारा कराये जा रहे हैं। धंधे बंद होने से जनप्रतिनिधि का आम जनता और पुलिस-प्रशासन में भय कम हुआ है, जिससे जनप्रतिनिधि अपना रौब बरकरार रखने के लिए बड़ा राजनैतिक कार्यक्रम कराने में जुट गया है।
सुनील कुमार सक्सेना से पहले सौमित्र यादव बदायूं में एसएसपी थे, जो इतने उदासीन थे कि अपराधी जिले भर में हावी हो गये। थाने तक अपराधी चलाने लगे। शहर के हालात और भी भयानक हो गये थे। खुलेआम लालपुल पर बाहर की गाड़ियों से गुंडा टैक्स वसूला जा रहा था। उस्मान गददी नाम के युवक ने विरोध किया, तो उसे गोली मार दी गई। शहर में खुलेआम कंप्यूटर लगा कर सट्टा और लॉटरी के सेंटर चलाये जा रहे थे, जिनकी रखवाली कोतवाली पुलिस करती नजर आती थी।
सौमित्र यादव का तबादला होने के बाद सुनील कुमार सक्सेना बदायूं आये, तो इतने बड़े सुधार की उम्मीद नहीं की जा रही थी। कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने थानों से आने वाला रुपया बंद करा दिया। तबादला और तैनाती में रूपये पूरी तरह बंद करा दिए। उन्होंने अप्रत्याशित तरीके से शहर में खुलेआम वसूला जा रहा गुंडा टैक्स बंद करा दिया। सूत्रों का कहना है कि देर-सवेर अब भी कुछेक गाड़ियों से अवैध वसूली कर ली जाती है, जिसमें सदर कोतवाल की मिलीभगत है।
सूत्रों का कहना है कि शहर में खुलेआम चल रहे लॉटरी और सट्टे के सेंटर ज्यादातर बंद हो गये हैं, लेकिन कोतवाल की मदद से मोहल्ला सोथा में अब भी एक सेंटर चल रहा है। शहर में एक दर्जन से अधिक प्रतिदिन प्रतिबंधित पशु काटे जा रहे थे, जिन पर भी रोक लगी है। चोरी-छुपे एक-दो पशु कोतवाल की मिलीभगत से अब भी काटे जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि इन सब धंधों के पीछे एक जनप्रतिनिधि ही थे। ज्यादातर धंधे बंद होने से उनका भय कम हुआ है, जिससे और भी कई तरह की आमदनी बंद हो चली है। सूत्रों का कहना है कि कोतवाल ने भी खुलेआम साथ देने से मना कर दिया है,जिससे जनप्रतिनिधि की चिंता बढ़ गई है। जनता और पुलिस-प्रशासन में अपना रौब पुनः स्थापित करने के लिए जनप्रतिनिधि एक बड़ा राजनैतिक कार्यक्रम करने की तैयारी में जुट गया है। विशेष ध्यान देने वाली बात यह रहेगी कि कार्यक्रम के बाद एसएसपी इस जनप्रतिनिधि के धंधों को पुनः स्थापित होने देंगे, या नहीं?
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एसएसपी सुनील सक्सेना के नाम से कांपने लगे हैं अपराधी