बदायूं स्थित ब्लूमिंगडेल स्कूल में सांसद धर्मेन्द्र यादव, दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा व नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष फात्मा रजा नहीं पहुंचे, जिससे माफिया ज्योति मेंदीरत्ता की सार्वजनिक रूप से जमकर फजीहत हो रही है, लेकिन समक्ष अधिकारी और शासन की अनुमति के बिना निमंत्रण पत्र पर नाम न होने के बावजूद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौमित्र यादव व कुछ अन्य प्रशासनिक अफसर अतिथि बन कर पहुंच गये, जिससे अफसरों की भी काफी फजीहत हो रही है, वहीं ब्लूमिंगडेल स्कूल के सामने जाम लगने से कई घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा, पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी के चलते पुलिस मूक दर्शक बनी रही।
उल्लेखनीय है कि कुख्यात शराब माफिया, भू-माफिया, शिक्षा माफिया व शातिर दिमाग के स्वामी ज्योति मेंदीरत्ता का ब्लूमिंगडेल नाम से बदायूं-मथुरा रोड पर नबादा में स्कूल है, जिसकी आड़ में ज्योति अपने अनैतिक कार्यों को अंजाम देता रहता है, साथ ही प्रभावशाली नेताओं व अफसरों को दो नंबर के धंधों में हिस्सा देता है एवं उन्हें स्कूल में बुला कर सम्मानित करता रहता है। पिछले दिनों ब्लूमिंगडेल स्कूल के छात्र ने स्कूल की ही छात्राओं का एमएमएस बना लिया, जिससे ब्लूमिंगडेल स्कूल की सार्वजनिक रूप से पहली बार खुलेआम फजीहत हुई, जिसे दबाने के उद्देश्य से शातिर दिमाग ज्योति ने सांसद धर्मेन्द्र यादव, दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा व नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष फात्मा रजा को अतिथि दर्शाते हुए पूरे शहर में निमंत्रण पत्र बाँट दिए, जिससे अधिकाँश लोग स्तब्ध थे। चर्चा थी कि माफिया के स्कूल में सांसद व मंत्री अतिथि बन कर कैसे जा सकते हैं? अधिकाँश लोग असमंजस में थे, लेकिन आज सांसद धर्मेन्द्र यादव ने स्वयं की छवि को बरकरार रखा, वे ब्लूमिंगडेल स्कूल के वार्षिकोत्सव में सम्मिलित नहीं हुए, जिससे लोग अब यह चर्चा कर रहे हैं कि शातिर दिमाग ज्योति ने सांसद का नाम छपवा दिया होगा, क्योंकि अनैतिक कार्य करने वाले से सांसद धर्मेन्द्र यादव बहुत दूर रहते हैं। सांसद धर्मेन्द्र यादव को जिले के लोग प्रेम ही इसलिए करते हैं कि वे अपराधियों व माफियों को गले नहीं लगाते।
सांसद धर्मेन्द्र यादव के अलावा ब्लूमिंगडेल स्कूल के समारोह में दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा व नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष फात्मा रजा भी नहीं पहुंची, लेकिन आज शनिवार रात में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौमित्र यादव व कुछ प्रशासनिक अफसर अतिथि बन कर पहुंच गये, जबकि ज्योति की ओर से बंटवाये गये निमंत्रण पत्र पर उनके नाम अतिथि के रूप में नहीं थे, जिससे अफसरों की फजीहत हो रही है। सरकारी अफसरों को व्यक्तिगत समारोह में अतिथि बनने के लिए सक्षम अधिकारी व शासन से अनुमति भी लेनी होती है। सूत्रों का कहना है कि ब्लूमिंगडेल स्कूल में अतिथि बनने वाले किसी अफसर के पास अनुमति नहीं है, जिससे अफसरों की जांच भी हो सकती है और जांच में दोषी पाए गये, तो कार्रवाई भी हो सकती है। लोग तो यहाँ तक चर्चा करने लगे हैं कि माफियाओं के संस्थानों में एसएसपी अतिथि बनने लगे, तो आम जनता को माफियाओं से कौन बचायेगा?
उधर समारोह के चलते ब्लूमिंगडेल के सामने वाली सड़क पूरी तरह जाम हो गई। कई घंटों तक आवागमन बाधित रहा, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर पाई, क्योंकि समारोह में एसएसपी स्वयं मौजूद रहे, ऐसे ही अब भविष्य में भी ज्योति एसएसपी से संबंधों को दर्शा कर अन्य तमाम तरह के अनैतिक कार्यों में पुलिस पर दबाव बना कर बचता रहेगा।
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