युवाओं ने माफिया पुस्तक विक्रेताओं का पुतला फूंका

युवाओं ने माफिया पुस्तक विक्रेताओं का पुतला फूंका
माफिया पुस्तक विक्रेताओं का पुतला फूंकते युवा।
माफिया पुस्तक विक्रेताओं का पुतला फूंकते युवा।

बदायूं में माफिया पुस्तक विक्रेताओं को लेकर आज युवाओं का धैर्य जवाब दे गया। आक्रोशित युवाओं ने माफिया पुस्तक विक्रेताओं के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला भी फूँका, लेकिन प्रशासन के अफसरों पर फिर भी कोई असर नहीं हुआ।

आक्रोशित युवा आज शहर के लाबेला चौक पर जमा हुए और माफिया पुस्तक विक्रेताओं के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। आक्रोशित युवाओं ने माफियाओं का पुतला भी फूंका। आक्रोशित युवाओं का कहना है कि बीस से पचास गुने दामों पर पुस्तकें बेची जा रही हैं, लेकिन प्रशासन उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

आग बुझाता युवा।
आग बुझाता युवा।

इस दौरान हड़कंप भी मच गया, क्योंकि भयंकर गर्मी में पुतला धू-धूकर जलने लगा, तो उसकी लपटों से ऊपर लगे बैनर और बिजली के केबिल भी झुलसने लगे। पुतला जलाने वाले युवाओं ने ही भड़कती आग को भी बुझाया, जिससे कुछ देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अफसर दूर तक नजर नहीं आये।

यहाँ यह भी बता दें कि शहर में स्कूलों से जुड़ी पुस्तकें बेचने का सबसे बड़ा माफिया विवेक पुस्तक भंडार है, इस पर शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के भी कई स्कूलों की पुस्तकें मिलती हैं, जो बीस से पचास गुने दामों पर बेचता है। सूत्रों का कहना है कि दस से पन्द्रह हजार बच्चे प्रति वर्ष विवेक पुस्तक  भंडार से पुस्तकें खरीदते हैं, जिसे जोड़ा जाये, तो लाखों का टर्नओवर होता है, लेकिन यह हिसाब आय कर और व्यापार कर विभाग को नहीं दिया जाता, जो राजस्व की बड़ी चोरी का मामला है, इसके बावजूद प्रशासनिक अफसर मौन हैं।

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