शाहजहाँपुर के डीएम कर्ण सिंह चौहान भ्रष्टाचार संबंधी खबरों से इतने बौखला गये कि उन्होंने पत्रकार नरेंद्र यादव का रिवाल्वर छिनवा लिया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दे दिया। खबर साथी पत्रकारों, वकीलों और राजनेताओं तक पहुंची, तो डीएम को सभी ने घेर लिया। डीएम को तानाशाही पूर्ण रवैये पर जवाब नहीं दे मिला और अंत में दुर्व्यवहार स्वीकारते हुए उन्होंने क्षमा मांग ली, लेकिन पीड़ित पत्रकार ने मुख्यमंत्री से तानाशाह डीएम कर्ण सिंह चौहान को निलंबित करने की मांग की है।
नरेंद्र यादव ने खाद्यान्न में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर 28 और 29 मार्च को खबर प्रकाशित की थी, इसी संबंध में शुक्रवार को भी खबर प्रकाशित हुई थी, जिस पर वे लगभग एक बजे जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान से बात करने गये थे। डीएम ने पहले नरेंद्र यादव से कार्ड माँगा, इस पर उन्होंने शालीनता से जवाब दिया कि जिला स्तर पर कार्ड रखने की परंपरा नहीं है और न ही कार्ड जारी किये जाते हैं, इसके बाद उन्होंने घंटी बजा कर पुलिस वालों को बुला लिया और उन्हें आदेश दिया कि इसका रिवाल्वर छीन लो और गिरफ्तार कर लो। पुलिस वालों ने नरेंद्र यादव को हिरासत में ले लिया, लेकिन नरेंद्र यादव ने मोबाईल नहीं दिया। उन्होंने कार्यालय के साथ परिचित पत्रकारों को सूचना दी, तो मौके पर दर्जनों पत्रकार, वरिष्ठ वकील, तमाम राजनेता और विधायक पहुंच गये, प्रदर्शन करते हुए सभी ने जवाब माँगा, पर डीएम संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाये। अंत में डीएम ने दुर्व्यवहार करने की बात स्वीकार की और गलती की क्षमा मांगते हुए नरेंद्र यादव को रिवाल्वर वापस कर दिया, लेकिन पीड़ित पत्रकार नरेंद्र यादव संतुष्ट नहीं हैं, वे डरे हुए हैं।
नरेंद्र यादव का कहना है कि इस घटना के बाद डीएम की मानसिकता का खुलासा हो गया है, ऐसे में वे कुछ और वारदात करा सकते हैं, जघन्य धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करवा सकते हैं, साथ ही कहा कि उन्होंने भूल से गलती नहीं की थी, उन्होंने इरादे से अपमानित किया है, इसलिए वे मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि कर्ण सिंह चौहान को तत्काल निलंबित किया जाये। यहाँ यह भी बता दें कि शाहजहाँपुर स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में तैनात नरेंद्र यादव को जनप्रिय खबरों के लिए जाना जाता है। आसाराम प्रकरण में नरेंद्र यादव पर हमला भी हो चुका है, उनकी बमुश्किल जान बची थी, लेकिन सपा सरकार ने उनकी अपेक्षित मदद नहीं की, पर सुरक्षा के लिए रिवाल्वर दे दिया गया था, कभी-कभी गनर भी दे दिया जाता था। हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने सुरक्षा देने का आदेश पारित किया है।
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