उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने प्रदेश के मण्डलायुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित जिलाधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं कि तहसील, थाना एवं ब्लाॅक स्तर पर जनसमस्याओं का निस्तारण न करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर समुचित कार्यवाही कराई जाये। उन्होंने कहा कि ‘‘आपकी सरकार आपके द्वार‘‘ की नीति में विश्वास रखने वाली वर्तमान सरकार का उद्देश्य है कि आम नागरिकों को उनकी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर प्रत्येक दशा में कराया जाये। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर निस्तारित होने वाली समस्याओं के समाधान हेतु आम नागरिकों को लखनऊ आने के लिए कतई विवश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का संवेदनशील एवं पारदर्शी प्रशासन उपलब्ध कराने का लक्ष्य प्रत्येक दशा में क्रियान्वित कराना होगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ आने वाले शिकायतकर्ताओं की समस्यायें बहुधा सामान्य प्रकृति की होती हैं, जैसे की चकरोड की पैमाइश न होना, अविवादित विरासत दर्ज न होना, दबंग व्यक्तियों द्वारा संपत्तियों पर कब्जा करना, भू-माफिया द्वारा सार्वजनिक भूमि अथवा तालाब आदि पर कब्जा किया जाने, गम्भीर आपराधिक घटना की एफआईआर दर्ज न किया जाना, तथा दर्ज एफआईआर की विवेचना में अत्यधिक समय लेने आदि की होती हैं, जिनका समाधान स्थानीय स्तर पर ही नियमानुसार प्राथमिकता से सुनिश्चित कराना होगा।
मुख्य सचिव आज लखनऊ स्थित योजना भवन में वीडियों काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों, पुलिस उप महानिरीक्षकों, जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को लोक शिकायतों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापरक् निस्तारण कराने के निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई प्रणाली में दूरभाष के माध्यम से भी शिकायते अंकित कराने हेतु 500 सीटों का एक काॅल सेण्टर सीएम हेल्प लाइन के रूप में प्रारम्भ करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि काॅल सेण्टर में दूरभाष के माध्यम से प्राप्त शिकायतों संदर्भ का भी निर्धारित समय सीमा के अंदर निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि प्राप्त संदर्भों का पुनः निस्तारण कराये जाने हेतु प्राप्त आवेदनों के आवेदकों से संपर्क अनिवार्य रूप से किया जाये। उन्होंने कहा कि आवेदक से संपर्क न होने की स्थिति पर स्पष्ट विवरण अवश्य अंकित करना अनिवार्य है।
अध्यक्ष राजस्व परिषद प्रवीर कुमार ने कहा कि राजस्व संबंधी विवादों का निस्तारण स्थानीय स्तर पर करने हेतु गठित राजस्व टीमों को संबंधित थाने से रवानगी करते हुए संबंधित थाने के जीडी में दर्ज कराना अनिवार्य है, उन्होंने कहा कि गठित राजस्व टीमों को अपने निर्धारित कार्यक्रम की सूचना विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कराते हुए संबंधित गांव के लोगों को आने की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर स्थानीय समस्याओं का समाधान नियमानुसार सुनिश्चित कराते हुए संबंधित गठित राजस्व टीमों को विवाद रहित गांव बनाना होगा। उन्होंने कहा कि विगत दो माह में लगभग 56 हजार शिकायतों का निस्तारण गठित राजस्व टीमों द्वारा कराकर विवाद रहित गांव बनाये गये हैं।
प्रमुख सचिव, गृह अरविन्द कुमार ने निर्देश देते हुए कहा है कि वर्तमान शासन की प्राथमिकता स्वच्छ प्रशासन देने की है, उन्होंने कहा कि ब्लाॅक, तहसील एवं थाने को सुव्यवस्थित ढंग से चला कर आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से सुनिश्चित कराना होगा। उन्होंने कहा कि शासकीय दायित्यों के प्रति लापरवाह थानों में तैनात पुलिस कर्मियों एवं थानाध्यक्षों को चिन्हित कर नियमानुसार प्राथमिकता से कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि किसी भी थाने की शिकायत अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने की प्राप्त होने पर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं का समाधान प्राथमिकता से न करने वाले पुलिस कर्मियों को बख्शा न जाये। वीडियों काॅफ्रेन्सिंग में अपर मुख्य सचिव संजीव सरन, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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