उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा को सुधारने के उद्देश्य से सरकार ने निर्णय लिया है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को यह अनुबंध करना होगा कि वे दो साल तक सरकारी अस्पतालों में मरीजों का उपचार करेंगे।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली- 1981 में 22वें संशोधन को मंगलवार को मंजूरी दे दी गई। अब बेसिक शिक्षा विभाग में 68, 500 सहायक अध्यापकों की भर्ती नई नियमावली के अंतर्गत होगी। सरकार ने ‘कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस’ (सीएनजी) बनाने में इस्तेमाल होने वाली नेचुरल गैस पर लगने वाले ‘मूल्य संवर्धित कर’ (वैट) की दरें संशोधित कर दी हैं। सीएनजी तैयार करने में नेचुरल गैस के उपयोग पर अब 5 प्रतिशत ही वैट देना होगा। जीएसटी से बाहर होने के कारण प्रदेश में सीएनजी पर वैट लागू होता है।
इसके अलावा 10 वर्ष के लिए कारखाने का लाइसेंस प्रवासी कर्मकारों के ठेकेदार को 24 घंटे में लाइसेंस दिया जायेगा। कारखाना अधिनियम में संशोधन कर 119वां श्रम सुधार भी लागू करने को मंजूरी दे दी गई है। निजी क्षेत्र को मंडी स्थापित करने के लिए लाइसेंस जारी किया जायेगा। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम- 1964 में संशोधन के प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगा दी।
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