लखनऊ में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी एक्शन मोड में आ गये और लापरवाहों [परखने निकल पड़े। उन्होंने सहकारिता भवन स्थित आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता मुख्यालय का आकस्मिक एवं औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं मिला। करीब 90 प्रतिशत कर्मचारी भी अनुपस्थित मिले।
उन्होंने कहा कि कार्यालय समय में अधिकांश अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अनुपस्थित होना, यह दर्शाता है कि कार्यालय में अनुशासनहीनता है एवं प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव है, जिसके लिये उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा तथा अनुपस्थित पाये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन कटौती के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही अलग से की जायेगी। उन्होंने बताया कि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी समयशीलता एवं अनुशासन का पालन करें तथा संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं को सुनकर उनका तत्परता से निस्तारण करें।
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी प्रातः 9.40 बजे सहकारिता भवन में रिसेप्शन पर पहुंचे, जहां पर कोई भी उपस्थित नहीं मिला। तत्पश्चात उन्होंने पूरे कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण में अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक शिवेन्द्र कुमार, अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक कृपाशंकर, अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक आलोक सिंह, अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक आरके सिंह, वित्तीय सलाहकार पीके अग्रवाल, उप आयुक्त एवं उप निबंधक आरके कुलश्रेष्ठ, उप आयुक्त एवं उप निबंधक अशोक कुमार, सहायक आयुक्त श्रद्धा अनंग, सहायक आयुक्त अभय सिंह, सहायक आयुक्त मोहसिन, सहायक निबंधक स्वाती अग्रवाल, सहायक आयुक्त रामसागर, सहायक लेखाधिकारी गीता पुष्कर, लेखाधिकारी राजेन्द्र सिंह नेगी अनुपस्थित मिले।
निरीक्षण में स्थापना अनुभाग ‘क’ में मात्र विनय अस्थाना, राजकुमार व संतोष कुमार, स्थापना अनुभाग ‘ग’ में केवल कनिष्ठ सहायक उमेश एवं सहयोगी ब्रजपाल उपस्थित मिले। स्थापना अनुभाग ‘ख’ में सभी कर्मी अनुपस्थित मिले। लेखा अनुभाग में विजय कुमार, रामबालक वर्मा, राजेन्द्र सिंह, लेखाकार अतुल चन्द्रा, लेखाकार प्रभाकर त्रिपाठी, सहयोगी विकास कुमार सिंह के अलावा सभी अनुपस्थित मिले। इसके अतिरिक्त विभिन्न अनुभागों के निरीक्षण में एडीओ रामशंकर गुप्ता, कनिष्ठ सहायक मनीष, प्रधान सहायक संजय श्रीवास्तव एवं सहयोगी रामसुमन को छोड़कर अन्य सभी कर्मी अनुपस्थित मिले। बकाया अनुभाग में मात्र रामिला डेविड, प्रमोद कुमार व मनीष कुमार उपस्थित मिले।
क्रय विक्रय अनुभाग, शिक्षा अनुभाग, विकास अनुभाग में नीलम उपाध्याय एवं अनुज कुमार को छोड़कर अन्य कर्मी अनुपस्थित पाये गये। चपरासी दिनेश मेज के ऊपर बैठकर फोन पर बात करते हुये मिले, जिस पर मुख्य सचिव ने उसे कड़ी फटकार लगाई। उपभोक्ता एवं जन सूचना अनुभाग में कोई भी कर्मी उपस्थित नहीं मिला।
मुख्य सचिव ने कार्यालय के अधिकांश अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये वेतन कटौती के साथ-साथ विभागीय कार्यवाही करने तथा अनुशासनहीनता व शिथिल नियंत्रण के लिये उत्तरदायित्व निर्धारित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह अधीनस्थ कार्यालयों का नियमित निरीक्षण कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ससमय उपस्थिति और जन समस्याओं का तत्परता से निस्तारण सुनिश्चित करायें।
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