लखनऊ में आयोजित किये गये भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा मोर्चा के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य को टोकना भारी पड़ गया। भाषण दे रहीं सांसद टोकने पर माइक से हट गईं तो, उपस्थित जन-समूह हंगामा करने लगा, जिसे बमुश्किल सांसद ने ही शांत कराया। सम्मेलन में मिले अपार समर्थन से यह संदेश चला गया कि सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य न सिर्फ बदायूं लोकसभा क्षेत्र बल्कि, प्रदेश भर के पिछड़े वर्ग में लोकप्रिय हैं।
लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा मोर्चा द्वारा मौर्य, शाक्य, कुशवाह और सैनी समाज का सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया था, इसमें मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, जसवंत सैनी, धर्म सिंह सैनी सहित तमाम बड़े नेता उपस्थित रहे, साथ ही प्रदेश भर के पदाधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्हें संबोधित करने के लिए सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य माइक पर आईं तो, संचालक ने कान में आकर कह दिया कि शॉर्ट में बोलना, इस पर सांसद ने कहा कि बोलने को कह रहे हो और बोलने भी नहीं दे रहे हो तो, मैं नहीं बोलती फिर, ऐसा कह कर वे कुर्सी पर जाकर बैठ गईं, इसके बाद उपस्थित पदाधिकारी जमकर हंगामा करने लगे। नारेबाजी से माहौल अस्त-व्यस्त हो गया तो, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने माइक संभाला।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सभी भाजपा के पदाधिकारी हैं, अनुशासन में रहना चाहिए, सभी को पार्टी के प्रति समर्पित होना चाहिए, व्यक्तिवादी नहीं होना चाहिए पर, शोर कम नहीं हुआ तो, सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य ने पुनः माइक संभाला और सबको समझा कर शांत कराया लेकिन, तब तक देर हो चुकी थी। घटनाक्रम से यह संदेश जा चुका था कि सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य अपने समाज के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
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