बदायूं की प्राचीन नदी सोत की हत्या कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाले लेखपाल सज्जाद का विकेट गिर गया है। सज्जाद को बिसौली तहसील में स्थानांतरित कर दिया गया है। कुल 22 लेखपाल इधर-उधर किये गये हैं, जिससे हड़कंप मचा हुआ है। दो-चार कुख्यात लेखपाल अभी और हटाये जायेंगे।
बदायूं शहर में सरकारी जमीनों का बड़े स्तर पर गोलमाल हुआ है। शहर क्षेत्र के कई प्राचीन तालाब पूरी तरह खत्म कर दिए गये हैं, जिसमें चंदोखर तालाब प्रमुख है, साथ ही कब्रिस्तान भी कब्जाये गये हैं। शहर के उत्तर-दक्षिण से होकर गुजर रही सोत नदी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, इस सबमें लेखपाल सज्जाद की मुख्य भूमिका बताई जाती है। सोत नदी के मामले में तो सज्जाद ने इतना बड़ा गोलमाल किया है कि सही से जाँच हो जाये, तो सीधा जेल ही जायेगा। बताते हैं कि सोत नदी से संबंधित तहसील स्तर से रिकॉर्ड ही गायब है, जो है उसमें हेरा-फेरी कर दी गई है, इस प्रकरण को गौतम संदेश ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए हाल-फिलहाल सज्जाद को तहसील बिसौली के लिए स्थानांतरित कर दिया है।
इसके अलावा अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने बदायूं से थान सिंह को बिसौली, रिजवान, गफ्फार अली और दुर्गपाल को सहसवान, अहिवरन सिंह, जुगेन्द्र पाल सिंह और सुरेन्द्र सिंह को दातागंज, देव सिंह और वेदपाल को बिल्सी तहसील में तैनात किया है। बिसौली से राजेश शर्मा, रामवीर शर्मा और बिल्सी से नरेंद्र कुमार गुप्ता को बदायूं भेजा गया है। केसरी लाल, रामप्रसाद को सहसवान से और आकाश सक्सेना, योगशेन्द्र पाल, कमल कुमार, कुलदीप कुमार, आनंद पाल सिंह, भुल्लन अली और कुंवरसेन को दातागंज तहसील से बदायूं तहसील में तैनात किया गया है। सूत्रों का कहना है कि अभी कई ऐसे लेखपाल हैं, जो बेहद भ्रष्ट और चर्चित हैं, उन्हें भी हटाया जायेगा।
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