उत्तर प्रदेश के विधान परिषद सदस्य से फोन पर वार्ता न करने के प्रकरण में पीलीभीत जिले के पुलिस अधीक्षक बालेंदु भूषण सिंह ने सभापति के कक्ष में अपने व्यवहार को लेकर क्षमा मांग ली। बालेंदु भूषण सिंह को अवमानना के प्रकरण में सदन में अपराह्न एक बजे पेश होने का आदेश दिया गया था, वे निर्धारित समय पर उपस्थित हो गये थे, इससे पहले अधिष्ठाता यज्ञदत्त शर्मा ने सदन को बताया कि प्रकरण को लेकर पूर्वाह्न 10 बजे सभापति के कक्ष में एक बैठक बुलाई गई, जिसमें सभापति रमेश यादव के अलावा नेता सदन उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, नेता विपक्षी दल अहमद हसन तथा कुछ अन्य सदस्य शामिल हुए।
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बैठक में शामिल सभी सदस्यों के सामने पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक बालेंदु भूषण सिंह उपस्थित हुए और उन्होंने मौखिक तथा लिखित रूप से माफी मांगी, सदस्यों ने निर्णय लेने के लिये सभापति को अधिकृत कर दिया। अधिष्ठाता ने बताया कि सभापति ने पुलिस अधीक्षक बालेंदु भूषण सिंह द्वारा मांगी गयी बिना शर्त माफी को स्वीकार कर लिया है। सभापति ने सरकार से कहा कि वह प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों तथा जिला पुलिस प्रमुखों को सदन की भावना से अवगत करायें कि भविष्य में सदन के सदस्यों के प्रति वह सम्मान व्यक्त करें और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने मंगलवार को विशेषाधिकार हनन का नोटिस देते हुए कहा था कि उन्होंने 21 अगस्त को पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक बालेन्दु भूषण सिंह को किसी काम से टेलीफोन किया था, उस समय बताया गया कि वे जिलाधिकारी के साथ गये हैं। उन्होंने जिलाधिकारी अखिलेश कुमार मिश्र को फोन किया और पुलिस अधीक्षक से बात कराने को कहा। जिलाधिकारी ने उनको फोन दिया मगर, उन्होंने बात नहीं की, यह विधान परिषद के सदस्य और पूरे सदन की अवमानना है, इसलिए पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक को सदन में बुलाकर जवाब-तलब किया जाए, इस पर सदन के अधिकाँश सदस्यों ने समर्थन किया था। सभापति ने बालेंदु भूषण सिंह को बुधवार को तलब किया था।
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